सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में जाति सत्यापन समितियों को हर माह कास्ट वैलिडिटी के लिए पांच हजार से अधिक आवेदन मिलते हैं। इनमें राजनेता, सरकारी कर्मचारी, व्यावसायिक शिक्षा ले रहे छात्र शामिल हैं। उन्हें कम से कम १५ से ४० दिनों में वैधता प्रमाण पत्र प्राप्त करना होता है, लेकिन वर्तमान में राज्य की ३६ समितियों के लिए केवल चार अध्यक्ष हैं, इसलिए जाति प्रमाण पत्र मिलने में देरी हो रही है। सोलापुर जिला जाति प्रमाणपत्र सत्यापन समिति के अध्यक्ष रविराज फल्ले १० जिला समितियों के प्रभारी हैं। ऐसे में महायुति की इस माया से नौकरशाहों से लेकर आम जनता तक सभी परेशान हैं।
उल्लेखनीय है कि ११वीं, १२वीं कक्षा के विज्ञान संकाय से पढ़ने वाले छात्रों के साथ-साथ इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मेसी और प्रोफेशनल संकाय से पढ़नेवाले छात्रों को समय पर कास्ट वैलिडिटी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों और राजनीतिक व्यक्तियों को भी इसकी जरूरत होती है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य में लगभग १०,००० आवेदन अभी भी समितियों के पास लंबित हैं और अधिकांश प्रमाणपत्र अध्यक्ष के हस्ताक्षर के बिना पड़े हैं। सोलापुर जिला जाति वैधता प्रमाणपत्र समिति का प्रभार मुंबई उपनगरीय समिति के अध्यक्ष रविराज फल्ले को सौंपा गया है, लेकिन वे अभी तक सोलापुर नहीं जा सके हैं।
वर्तमान में राज्य सरकार के सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए पांच दिवसीय सप्ताह है। हालांकि, सोलापुर के जिला जाति प्रमाणपत्र सत्यापन समिति के अध्यक्ष रविराज फले के कंधों पर मुंबई उपनगर, मुंबई शहर, सोलापुर, पालघर, सातारा, ठाणे, रायगड, रत्नागिरी, सांगली, सिंधुदुर्ग सहित १० जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।