सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाली मेट्रो लाइन २ (डीएन नगर से मंडाले) का निर्माण एक बार फिर तय समय सीमा से पिछड़ता नजर आ रहा है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) द्वारा १०,९८६ करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही यह परियोजना, जो पहले ही काफी विलंब का सामना कर चुकी है, अब जून २०२५ तक पूरी होने का लक्ष्य लेकर चल रही है। हालांकि, इस लाइन का निर्माण २०१८ में शुरू हुआ था और तब से यह लगातार देरी और समय सीमा में बदलाव का शिकार हो रही है।
प्रोजेक्ट की शुरुआत से ही काम अपनी तय समय सीमा से पीछे चल रहा है, जिससे यात्रियों को फिलहाल कोई राहत मिलती नहीं दिख रही। इसी प्रकार लाइन ७ महत्वपूर्ण स्टेशन, जो अन्य मेट्रो लाइनों, उपनगरीय स्टेशनों, मोनोरेल और कॉरिडोर्स के साथ इंटरचेंज की सुविधा देंगे, समय पर तैयार होने की संभावनाएं नहीं दिखाई दे रही हैं। इस देरी के चलते यात्री फिलहाल लोकल ट्रेन बदलकर या ट्रैफिक में फंसकर अपनी यात्रा करने को मजबूर हैं।
एमएमआरडीए का दावा है कि मेट्रो लाइन २बी से ३,३८० नई नौकरियां पैदा होंगी और २०३१ तक रोजाना १०.५ लाख यात्री इस लाइन पर सफर करेंगे। यह आंकड़े भी हवा हवाई लग रहे हैं, जब लाइन के निर्माण कार्य में हो रही देरी को ध्यान में रखा जाए तो शहर के अन्य प्रोजेक्ट्स की प्रगति भी धीमी रही है, जिससे रोजगार और यात्री क्षमता के इन अनुमानों पर सवाल खड़े होते हैं।
इंटरचेंज स्टेशन
डी. एन. नगर (लाइन १)
बांद्रा (उपनगरीय)
आईटीओ जंक्शन (लाइन ३)
कुर्ला पूर्व (उपनगरीय और लाइन ४)
चेंबूर (मोनो रेल)
मानखुर्द उपनगरीय,
सीएसएमटी-पनवेल फास्ट कॉरिडोर
मुंबई-नई मुंबई एयरपोर्ट फास्ट कॉरिडोर
लाइन का रंग: पीला
दूरी: २३.६४३ किमी
कुल स्टेशन: २०
डिपो: मांडले
ट्रैक प्रकार: एलिवेटेड
लागत: १०,९८६ करोड़
२०३१ दैनिक राइडरशिप : १०.५ लाख