सामना संवाददाता / भायंदर
उत्तरी मुंबई में सुखकर्ता लोक मित्र मंडल, भायंदर (पश्चिम) शिव सेना गली के राजा काफी सुर्खियों में हैं। दरअसल, यह मंडल अगमधीश के चिंतामणि मंडल यानी चिंचपोकली के नक्शेकदम पर चलते हुए अनुशासित है। शिव सेना गली के राजा गणपति का आगमन ढोल नगाड़ों के साथ काफी धूम धाम से किया जाता है। बप्पा के आगमन पर हजारों की संख्या में भक्त एकत्रित होते हैं। इसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि हम भायंदर में नहीं बल्कि चिंचपोकली में हैं।
सुखकर्ता लोक मित्र मंडल में हर साल बप्पा की एक अद्भुत मूर्ति देखने को मिलती है। इस साल बाप्पा की मूर्ति शंकर के अवतार यानी ‘आनंदरूपी तांडव’ में अवतरित है। बाप्पा की प्रतिमा 26 फीट की है। जी हां, इस मंडल की यही प्रसिद्धि है कि मूर्ति चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, भक्ति कम नहीं होनी चाहिए।
इस बोर्ड के अध्यक्ष धनेश जयसवाल (भवानी) का यही मानना है कि बोर्ड की मूर्ति चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अनुशासन में कमी नहीं आनी चाहिए। उन्होंने बताया कि इस साल इस मंडल ने 13 साल पूरे कर लिए हैं।
सुखकर्ता लोक मित्र मंडल भक्ति भाव के साथ बाप्पा की सेवा और भक्तों के मनोरंजन में जुटे हुए हैं। यह मंडल गणेश भक्तों के लिए महाप्रसाद का आयोजन भी करता है। इसके अलावा, बोर्ड सामाजिक गतिविधियों जैसे निःशुल्क सब्जियों का वितरण, गर्मियों में पानी का वितरण आदि में भी शामिल है। इस मंडल में स्थापित बप्पा का दर्शन कर आशीर्वाद लें।