झुंझुनू। राजस्थान में झुंझुनू की बेटी कैप्टन रेनू की पार्थिव देह आज दोपहर उनके पैतृक गांव गादली पहुंची। जहां उनके सम्मान में सैकड़ों वाहनों के साथ 5 किलोमीटर तक तिरंगा यात्रा निकाली गई। यात्रा में बुहाना क्षेत्र के सैकड़ों लोग शामिल हुए। देशभक्ति नारों के बीच तिरंगा यात्रा पर जगह-जगह पुष्पांजलि दी और भारत माता की जय के नारे भी गूंजे। पिता समेत अन्य परिजन भी पहुंचे। सम्मान यात्रा के बाद दोपहर ढ़ाई बजे पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। उसके भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी।
झुंझुनू जिले के बुहाना क्षेत्र के गादली गांव की रहने वाली इंडियन आर्मी में कैप्टन रेनू ने सुसाइड कर लिया। रेनू आगरा में तैनात थी। उनका शव बुधवार को दिल्ली कैंट इलाके में स्थित गौरौदा शरत ऑफिसर्स गेस्ट हाउस में मिला। वे 15 अक्टूबर को ही भाई सुमित और मां कौशल्या के साथ दिल्ली एम्स निकल गई थी। जहां उन्हें अपनी मां का इलाज करवाना था।
दिल्ली में दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि दिल्ली कैंट इलाके में स्थित गौरौदा शरत ऑफिसर्स गेस्ट हाउस में लेडी ऑफिसर ने सुसाइड किया। कमरे की कुंडी अंदर से बंद थी। कमरे का गेट तोड़ा गया तो पाया कि पंखे पर शव लटका हुआ था। हालांकि रेनू के पिता ने सुसाइड करने से इनकार किया है।
रेनू के पिता रिटायर्ड कैप्टन गोवर्धन सिंह का कहना है कि अपनी मां का ऑपरेशन करवाने के लिए वह(रेनू) छुट्टी लेकर दिल्ली आई थी। एक रोड एक्सीडेंट में उसकी जान चली गई। वह अविवाहित थी। कैप्टन रेनू तंवर के पिता कैप्टन गोवर्धन सिंह तंवर भी आर्मी में अपनी सेवा दे चुके है। उन्हें नौ-सेना पदक और जीवन रक्षा पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है। रेनू की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंची तो गांववासियों ने तिरंगा लगाकर उन्हें सम्मान दिया। रेनू के परिवार में उनके अलावा एक बड़ी बहन ऋतु, छोटा भाई सुमित, मां कौशल्या और पिता गोवर्धन सिंह है।