मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
सरकार के मुफ्त बिजली के चुनावी वादे ने किसानों को बकाएदार बना दिया। मुफ्त बिजली की घोषणा की राह देखते-देखते पश्चिमांचल के १४ जिलों के ४.१३ लाख किसानों पर पीवीवीएनएल का २५ सौ करोड़ रुपए बिजली का बिल बकाया हो गया। बकाया राशि हर माह बढ़ती जा रही है, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से नलकूप किसानों को फ्री बिजली का कोई आदेश अभी तक विभाग को नहीं मिला है।
वहीं इसका खामियाजा विद्युत निगम को भी उठाना पड़ रहा है। ८० प्रतिशत किसानों ने अप्रैल के बाद से बिजली का बिल जमा नहीं किया है। प्रदेश सरकार की ओर से एक अप्रैल २०२३ से नलकूप किसानों की बिजली प्रâी किए जाने की घोषणा की गई थी। इसके बाद ही किसानों ने बिल जमा करने बंद कर दिए। इससे विभाग पर पहले से बकाए पर और बोझ बढ़ गया है। मेरठ जोन में मेरठ और बागपत जिला आता है। अप्रैल तक मेरठ के ३३ हजार नलकूप किसानों पर ७९ करोड़ रुपए बकाया था। बागपत के १९ हजार किसानों पर १५ करोड़ बकाया था। अब पिछले तीन माह में मेरठ जोन में ही नलकूप किसानों पर बकाया दो गुना हो चुका है। मेरठ जोन के ४९ हजार नलकूप किसानों पर पीवीवीएनएल का १६४ करोड़ रुपए बकाया हो गया है।
सरकार के झूठ ने किसानों को बना दिया बकाएदार- राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने घोषणा पत्र में पांच साल तक किसानों की बिजली प्रâी करने की घोषणा की थी, जिसे पूरा नहीं किया। इसके बाद एक साल के लिए प्रâी करने की घोषणा की गई। किसान सरकार के झूठ में फंसते चले गए, जिससे वह बकाएदार हो गए हैं। किसानों ने कहा कि नलकूपों की बिजली प्रâी करने की घोषणा की गई थी, इस कारण बिल जमा नहीं किए। अभी भी बिजली प्रâी होने की उम्मीद है। अप्रैल में बिजली प्रâी होनी थी। चार माह बीत गए हैं, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। बकाया भी बढ़ता जा रहा है।
जून तक बकाए नलकूप किसानों के बकाए की स्थिति
जोन उपभोक्ता बकाया
मेरठ जोन ४९०८१ १६४.५० करोड़
गाजियाबाद जोन ७७८५ २६.१६ करोड़
बुलंदशहर जोन ६००८९ ७०३.३७ करोड़
सहारनपुर जोन १२६७८८ १०३९.१२ करोड़
नोएडा जोन ४८४८ ३२.७५ करोड़
मुरादाबाद जोन १६५१७० ४६९.१७ करोड़
कुल ४१३७६१ २४३५.०६ करोड़