हो सकता है हार्ट अटैक – ब्रेन स्ट्रोक
वैक्सीन कंपनी ने कोर्ट में मानी दुर्लभ साइड इफेक्ट्स की बात
सोशल मीडिया पर लोगों ने मोदी सरकार को घेरा
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
हिंदुस्थान में करोड़ों लोगों की जान खतरे में है। यह खतरा कोरोना रोधी वैक्सीन कोविशील्ड के कारण है। ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने पहली बार स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-१९ वैक्सीन के गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं। कंपनी ने इस बात को कबूला है कि उसकी वैक्सीन में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) के साथ थ्रोम्बोसिस नामक एक दुर्लभ साइड इफेक्ट पैदा करने की क्षमता है, जिससे हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा हो सकता है। हिंदुस्थान में करीब १०० करोड़ से ज्यादा लोगों को कोराना रोधी टीका लगाए जा चुके हैं।
बता दें कि जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी के चपेट में थी, तो उस समय एस्ट्राजेनेका की यह वैक्सीन लगाई गई थी। इस वैक्सीन का उत्पादन हिंदुस्थान में अदार पूनावाला के सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा किया गया था और केंद्र सरकार ने इसे काफी धूमधाम से लॉन्च किया था। अब इस मामले की सुनवाई के दौरान एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में माना है कि उसकी कोरोना वैक्सीन, कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया का लोगों में खून के थक्के समेत कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इससे प्लेटलेट्स भी कम हो सकते हैं। हालांकि, इस दौरान वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट्स को स्वीकार करने के बाद भी कंपनी का कहना है कि वह इससे होने वाली बीमारियों या बुरे प्रभावों को नहीं मानती है। कोविशील्ड की सच्चाई सामने आने के बाद अब लोग सोशल मीडिया पर मोदी सरकार को जमकर कोस रहे हैं।
बता दें कि बीते साल जेमी स्कॉट नामक व्यक्ति ने खून के थक्के से पीड़ित होने के बाद एस्ट्राजेनेका के खिलाफ केस दर्ज कराया था। स्कॉट के मुताबिक, अप्रैल २०२१ में वैक्सीन लेने के बाद उनके दिमाग में खून का थक्का जम गया और खून बहने लगा, जिससे उनके मस्तिष्क में स्थायी चोट लग गई और वह काम करने में असमर्थ हो गए। मेडिसिन हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी के मुताबिक, ब्रिटेन में ८१ मामले ऐसे हैं, जिनमें इस बात की आशंका है कि वैक्सीन की वजह से खून के थक्के जमने से लोगों की मौत हो गई। एमएचआरए के मुताबिक, साइड इफेक्ट से जूझने वाले हर ५ में से एक व्यक्ति की मौत हुई है। कंपनी के खिलाफ हाई कोर्ट में ५१ केस में पीड़ितों ने एस्ट्राजेनेका से करीब एक हजार करोड़ का हर्जाना मांगा है।
गंभीर रोगों के मामलों में वृद्धि
जेजे अस्पताल में प्रोफेसर डॉ. मधुकर गायकवाड़ ने कहा कि बीते कुछ सालों से देश में हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, हैमरेज, लंग्स इंफेक्शन, किडनी डिजीज, गैंगरीन, थ्रोबोसिस जैसी कई गंभीर बीमारियों के मामलों में वृद्धि हुई है। हालांकि, यह कोरोना अथवा कोविड रोधी वैक्सीन के कारण हो रही है। इसे लेकर अभी तक संदेह बना हुआ है। फिलहाल, यदि कंपनी ने यह बात स्वीकार की है कि कोविड रोधी वैक्सीन से इस तरह की समस्याएं बढ़ी हैं तो यह चितांजनक विषय है।