सामना संवाददाता / मुंबई
सुलोचना दीदी चली गईं। मराठी और हिंदी रुपहले पर्दे का मांगल्य कहीं खो गया। आज संपूर्ण सिनेमा जगत की ‘मां’ हमेशा के लिए परदे के पीछे चली गई, ऐसे शब्दों में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने भावपूर्ण आदरांजलि अर्पित की है।
उद्धव ठाकरे ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मराठी सिनेमा के सुवर्ण युग की वे शायद आखिरी गवाह थीं। उनकी पूरी जीवनी काफी संघर्षपूर्ण रही। उन्होंने अपने अभिनय कौशल से कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते। फिल्म जगत में सर्वोच्च माने जानेवाले ‘दादासाहेब फालके’ पुरस्कार देकर उन्हें सम्मानित किया जाए, ऐसी शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की इच्छा थी। ठाकरे परिवार से तो सुलोचना दीदी का बेहद नजदीकी स्नेह था। सामने आते ही चरणों को स्पर्श करें, ऐसा उनका व्यक्तित्व था। अभिनेत्री से चरित्र अभिनेत्री तक का सफर उन्होंने तय किया, लेकिन फिल्म ‘मोलकरीण’ में ‘मां’ का किरदार निभाया और यही उनकी पहचान भी बन गई। आज पूरे सिनेमा जगत की ‘मां’ ही काल के पर्दे के पीछे चली गई हैं। मैं संपूर्ण शिवसेना परिवार सहित उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं, ऐसी भावना उद्धव ठाकरे ने व्यक्त की है।