सामना संवाददाता / ठाणे
नाक से दिए जानेवाले कोरोना रोधी वैक्सीन ने मनपा प्रशासन की नाक में दम कर रखा है। इसकी वजह है कि इस नोजल वैक्सीन को ठाणेकरों का उचित प्रतिसाद नहीं मिल रहा है।
मनपा प्रशासन के पास राज्य सरकार ने २८ फरवरी को कुल २५० डोज उपलब्ध कराए थे लेकिन ९२ दिन बीत जाने के बावजूद केवल १० लोगों ने उक्त डोज लिया है। कम लोगों द्वारा वैक्सीन लेने का मुख्य कारण लोगों में वैक्सीन को लेकर जागरूकता की कमी और कोरोना के संक्रमण का कम होना माना जा रहा है। बता दें कि पिछले दिनों ठाणे शहर सहित जिले में कोरोना का कहर एक बार फिर बढ़ रहा था, लेकिन इस सप्ताह इसमें कमी आई है। अप्रैल महीने में ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र में प्रतिदिन ४० के ऊपर कोरोना के संक्रमित मरीज मिल रहे थे। अब इसमें भारी कमी देखी गई है। वर्तमान समय में १०३ एक्टिव मरीज कोरोना के हैं। इस बीमारी से अब तक २,१७४ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अब तक इस बीमारी की चपेट में १,९९,६८० लोग आ चुके हैं और १,९७,४०३ लोग ठीक होकर घर लौट चुके हैं। मनपा स्वास्थ्य विभाग के उपायुक्त मनीष जोशी के अनुसार, मनपा को नेजल ड्रॉप के रूप में प्रिकॉशनरी डोज के लिए एक और बेहतर विकल्प मिला है। इससे बड़ी तादाद में एक साथ लोगों के टीकाकरण में मदद मिलती। ये ऐसी वैक्सीन है, जिसमें किसी तरह का कोई दर्द नहीं होगा और ये कारगर है। इसे २ डिग्री से ८ डिग्री सेंटीग्रेड तक के तापमान में भी रखा जा सकता है। जोशी ने कहा कि मनपा आयुक्त अभिजीत बांगर के निर्देशानुसार इसे २८ अप्रैल से ६० वर्ष से ऊपर वाले नागरिकों के लिए उपलब्ध कराया गया। परंतु १० दिनों में सिर्फ १० बुजुर्ग ही इस डोज को लेने के लिए आगे आए। कोरोना का संक्रमण कम होने और अधिक घातक न होने के कारण अब लोग वैक्सीन लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।