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मुंबई में लोकल यात्रियों की संख्या घटी सड़कों पर बढ़ा वाहनों का बोझ!

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई लोकल को शहर की लाइफलाइन कहा जाता है, लेकिन इस लोकल ट्रेन में पिछले कुछ वर्षों से यात्रियों की संख्या में कमी का दौर जारी है। मध्य और पश्चिम रेलवे की हालिया रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो यह कमी साफ दिखाई देती है। कोविड-१९ के बाद जहां मुंबई लोकल को धीरे-धीरे पटरी पर लौटने की उम्मीद थी, वहीं २०२४-२५ के आंकड़े दर्शाते हैं कि यात्री संख्या का ग्राफ पहले की तरह बढ़ नहीं पाया है। दूसरी तरफ सड़कों पर वाहनों का बोझ बढ़ रहा है, जिससे लोगोें को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है।
मध्य रेलवे में २०१८-१९ में यात्रियों की संख्या ४४.१४ लाख थी, जो २०१९-२० में मामूली गिरावट के साथ ४३.५९ लाख हो गई। कोविड-१९ के कारण २०२०-२१ में यात्री संख्या में भारी गिरावट आई और यह १५.१३ लाख रह गई। इसके बाद धीरे-धीरे संख्या में बढ़ोतरी हुई, लेकिन २०२४-२५ तक यह सिर्फ ३७.४१ लाख तक ही पहुंची है। यानी महामारी के पहले की स्थिति से अब भी यह संख्या काफी नीचे है। पश्चिम रेलवे में वर्ष २०१९-२० में ३४.८७ लाख की यात्री संख्या २०२४-२५ तक २९.२० लाख पर सिमटकर रह गई। भले ही कोविड के बाद यात्रियों की संख्या में कुछ बढ़ोतरी हुई हो, लेकिन यह अभी भी उम्मीद से काफी कम है।

कब सुधरेगी सड़कों की स्थिति 
लोकल ट्रेनों में अव्यवस्थाओं के चलते अब लोग खुद के वाहन या फिर पब्लिक ट्रांसपोर्ट को तरजीह दे रहे हैं, इससे सड़कों पर वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे ट्रैफिक जाम का भी सामना करना पड़ रहा है। रही-सही कसर सड़क के गड्ढे पूरा कर दे रहे हैं। इससे न केवल यात्रियों को लेट-लतीफी का सामना करना पड़ता है बल्कि मानसिक प्रताड़ना का भी वे शिकार होते हैं।

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