मुख्यपृष्ठनए समाचार‘घाती’ सरकार की तानाशाही से राज्य की नर्सें नाराज आज करेंगी धरना...

‘घाती’ सरकार की तानाशाही से राज्य की नर्सें नाराज आज करेंगी धरना प्रदर्शन …७वें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार वेतन, भत्ता की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में ‘घाती’ सरकार तानाशाही शासन चला रही है। आलम यह है कि इस सरकार ने आशा और स्वास्थ्य सेविकाओं की मांगों को लेकर पहले से ही अड़ियल रुख अपनाए हुए है। उसके इस फेहरिस्त में अब स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन आनेवाले सरकारी अस्पतालों में सालों से कार्यरत नर्सें भी जुड़ गई हैं। उनके साथ भी यह सरकार अन्याय करते हुए उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। हालांकि, कई सालों से न्याय की गुहार लगानेवाली राज्य की नर्सें घाती सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हुए मंगलवार को आजाद मैदान पर धरना प्रदर्शन का हथियार उठाने जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आशा और स्वास्थ्य सेविकाएं एक साथ आकर पिछले २० दिनों से न्यूनतम वेतन, पीएफ, निवृत्ति वेतन समेत विभिन्न मांगों को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में हड़ताल पर बैठी हुई हैं। इस बीच जोरदार बारिश भी हो रही है, लेकिन वे अपनी जिद पर अड़ी हुई हैं। इससे स्वास्थ्य सेविकाओं के स्वास्थ्य पर ही बन आई है, लेकिन ‘घाती’ सरकार की तरफ से लगातार उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। इसी में अब इस सरकार के खिलाफ राज्य की नर्सें भी बिगुल फूंकने जा रही हैं। हालांकि, वे अपनी मांगों पर सरकार का ध्यान केंद्रित कराने के लिए मंगलवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करने जा रही हैं। इस बीच बिना मरीजों को परेशानी में डाले मैदान में करीब ५०० नर्सें एकत्रित होकर धरना देंगी।
प्रदेश में कार्यरत हैं करीब २६ हजार नर्सें
महाराष्ट्र गवर्नमेंट नर्सेस फेडरेशन की संस्थापक-सलाहकार कमल वायकोले ने कहा कि महाराष्ट्र में मेडिकल चिकित्सा शिक्षा में १३ और स्वास्थ्य विभाग के तहत कार्यरत अस्पतालों में १३ हजार समेत कुल २६ हजार नर्सें कार्यरत हैं। इनमें से २,५०० नर्सें मुंबई में सेवारत हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नर्सिंग काउंसिल के मुताबिक, नर्सों की संख्या बहुत कम है। सरकार को चाहिए एक चौथाई भर्तियां तत्काल की जानी चाहिए।
केंद्र और राज्य के वेतन में २३ हजार का अंतर
कमल वायकोले ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के नर्सेस पे स्किल में कम से कम २३ हजार का अंतर है। इसे समान किए जाने की हम काफी समय से मांग करते आ रहे हैं, लेकिन इस पर केवल आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला है। इससे प्रदेश में काम करनेवाली नर्सों में निराशा है।

यह है मांगें
बख्शी समिति खंड दो में नर्सों के साथ हो रहे अन्याय को दूर किया जाए। नर्सिंग संवर्ग में रिक्त पदों को पदोन्नति (नर्स, पाठ्यचर्या प्रशिक्षक से अधीक्षक नर्सिंग) द्वारा तुरंत भरा जाना चाहिए। नर्सों का प्रशासनिक तबादले के बिना केवल अनुरोध पर तबादला होना चाहिए। राज्य में नर्सों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वतंत्र निदेशक नर्सिंग का पद सृजित किया जाए। ७वें केंद्रीय वेतन आयोग के अनुसार, पूर्व-संशोधित वेतन, परिचर भत्ता, विशेष भत्ता और ग्रेड वेतन दिया जाए। केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार, नर्सिंग संवर्ग में स्नातक, स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएचडी करनेवालों को शैक्षिक वेतन वृद्धि समेत अन्य मांगें की गई हैं।

 

अन्य समाचार