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संतों के चरणों से निकलता है स्वर्ग का रास्ता-महामंडलेश्वर स्वामी विनय स्वारूपानंद सरस्वती महाराज

सामना संवाददाता / कानपुर

आज गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्री रामानुग्रह आश्रम विठुर कानपुर में गुरु पूर्णिमा व महामंडलेश्वर स्वामी १००८ विनयस्वारूपा नंद सरस्वती जी का अवतरण दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
महामंडलेश्वर स्वामी विनय स्वारूपानंद सरस्वती जी ने बताया कि संतों के चरणों से निकलता है स्वर्ग का रास्ता। स्वामी जी ने अपने गुरुदेव भगवान् श्री करपात्री महाराज की प्रतिमा पर पुष्प-हार चढ़ा करके गुरुदेव की पूजा-अर्चना की। गुरुदेव की कृपा और आशीर्वाद सदैव भक्तों पर बनी रहती है, जो भी भक्तजन गुरु पूर्णिमा पर गुरु की शरण में न पहुंच पाए तो अपने माता-पिता की आरती व पूजन करके पुण्य लाभ अर्जित कर सकता है। सभी देशवासियों को गुरु पूर्णिमा की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई देते हुए महामंडलेश्वर स्वामी विनयस्वारूपानंद सरस्वती जी ने बताया कि
जब चारों और अंधेरा हो, गुरु का दीप जला लेना..
जब गमों ने तुमको घेरा हो, तुम हाल गुरु को सुना देना,
जब दुनिया तुमसे मुंह मोड़े, तुम अपने गुरु को मना लेना..
जब अपने तुमको ठुकरा दें,गुरु दर को तुम अपना लेना,
जब कोई तुमको रुलाए तो, तुम गुरु के गीत गुनगुना लेना..
गुरु करुणा का सागर है, तुम उसमें डुबकी लगा लेना!
गुरुवर पर श्रद्धा रखें, हृदय रखें विश्वास
निर्मल होगी बुद्धि तब, जैसे रुई-कपास,
गुरु की करके वंदना, बदल भाग्य के लेख
बिना आंख के सूर ने, कृष्ण लिए थे देख,
गुरु ब्रह्मा-गुरु विष्णु है, गुरु ही मान महेश
गुरु से अन्तर-पट खुलें, गुरु ही हैं परमेश्वर
उक्त पावन गुरु पूर्णिमा उत्सव व स्वामी जी के पावन अवतरण दिवस पर विशेष रूप से भागवताचार्य शिवाकांत जी महाराज व गणमान्य संत समाज उपस्थित रहकर स्वामी जी को अवतरण दिवस की बधाई दी। गुरु पूर्णिमा उत्सव में भारी संख्या में गुरु-भक्तों का समूह उपस्थित रहकर गुरुदेव की पूजा-अर्चना किया।

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