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कफन देने वाले को नहीं मिला ‘कफन’ … आसपास के लोगों ने आर्थिक सहयोग कर किया अंतिम संस्कार

एक समय वह भी था, जब मधुर मुरली के पर बाबा घोपन बनिया शहर के सेठों में गिने जाते थे। कफन के कारोबार के साथ ही कई कारोबार थे। आज भी उस खानदान के लोग विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन इस दौर में मधुर मुरली कारोबार में घाटे की वजह से आर्थिक तंगी में आ गए। आज के हालात यह हैं कि मधुर मुरली को ही कफन मयस्सर नहीं हो रहा था। आसपास के लोगों और किराएदारों ने आर्थिक सहयोग कर अंतिम संस्कार कराया। जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक शख्स ने अपने ही पिता की बेरहमी से हत्या कर दी। इसके बाद उसके शव के टुकड़े कर सूटकेस में भर दिए। सूटकेस को बगल वाली चाय की दुकान में छिपा दिया। दरअसल, बैंक का कर्ज चुकाने के लिए पिता ने पैसे देने से इनकार किया तो शख्स ने सिर पर सिल-बट्टा मारकर हत्या कर दी। इसके बाद गर्दन को चाकू और फिर आरी से काटकर अलग कर दिया। पिता के शव को ठिकाने लगा ही रहा था कि उसका छोटा भाई प्रशांत घर आ गया। उसने पिता को न देखकर संदेह होने पर पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी प्रिंस गुप्ता उर्फ संतोष को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने हत्या की बात कबूल कर ली।
पत्नी के जेवर भी रख दिए थे गिरवी
जानकारी के मुताबिक, खानदानी बंटवारे के बाद जाफरा बाजार से मधुर मुरली के पिता सूर्य विहार आ गए थे। तब उन्होंने सीमेंट का कारोबार शुरू किया। बाद में मधुर मुरली हार्डवेयर की दुकान कर लिए और उनके भाई विजय अलग दुकान कर लिए हैं। मधुर की दुकान नहीं चली जिससे वह आर्थिक रूप से कमजोर होते चले गए। दो बेटों में बड़े बेटे प्रिंस को भी उन्होंने दुकान करा दिया। बैंक से उसने कर्ज भी ले लिया। इस दौरान उसने बाइक भी कर्ज पर ले ली थी। कर्ज का दबाव बढ़ने पर उसने पत्नी के सारे जेवर भी गिरवी रख दिए। होली से पहले पत्नी भी उसे छोड़कर चली गई।
बैंक वाले उठा ले गए थे बाइक
प्रशांत के मुताबिक, प्रिंस इन दिनों काफी कर्ज में डूबा था। उसने बाइक फाइनेंस कराई थी। किस्त नहीं जमा कर पा रहा था। इस वजह से कुछ दिनों पहले बैंक वाले बाइक उठा ले गए। इस वजह से वह काफी परेशान था। प्रिंस बाइक छुड़ाने के लिए पिता से रुपये मांग रहा था, लेकिन पिता ने देने से इनकार कर दिया। उसने मोहल्ले के पास के एक युवक से भी कुछ रुपये उधार लिए थे।
कर्ज से था परेशान
आपको बता दें कि बैंक का कर्ज चुकाने के लिए पिता ने पैसे देने से इनकार किया तो बेटे ने सिर पर सिल-बट्टा मारकर हत्या कर दी। इसके बाद गर्दन को चाकू और आरी से काटकर अलग कर दिया। फिर शव के टुकड़े करके उसे सूटकेस में भरकर घर के बगल की गली में चाय की दुकान में छिपा दिया। किस्तें नहीं दे पाने पर बैंक वाले उसकी बाइक लेकर चले गए थे। मधुर के पैसे देने से मना करने पर प्रिंस ने उनकी हत्या कर दी।

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