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वरिष्ठ नागरिकों की गुहार, बहरी है मोदी सरकार … रेलवे ने किया बुजुर्गों को बेहाल …रेलवे टिकट की छूट करो बहाल!

पैसेंजर्स एंड ट्रैफिक रिलीफ एसोसिएशन ने केंद्र को घेरा
सामना संवाददाता / मुंबई
वरिष्ठ नागरिकों ने रेलवे द्वारा दी जाने वाली छूट को फिर से बहाल करने की मांग की है, जिसे कोविड महामारी के दौरान बंद कर दिया गया था। पैसेंजर्स एंड ट्रैफिक रिलीफ एसोसिएशन के सचिव मंसूर उमर दरवेश ने सभी वरिष्ठ नागरिकों की ओर से इस मुद्दे को उठाया है, जिसमें उन्होंने रेलवे से छूट बहाल करने की अपील की है।
बता दें कि २०१९ से पहले भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की सभी श्रेणियों में रियायती किराया प्रदान किया था। ६० वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष और ५८ वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं इस छूट की हकदार थीं। इसके तहत पुरुषों को ४० और महिलाओं को ५० प्रतिशत की छूट मिलती थी। टिकट बुकिंग के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को केवल अपनी सही उम्र दर्ज करनी होती थी और ‘वरिष्ठ नागरिक के लिए छूट’ विकल्प को चुनना होता था। इससे उनकी यात्रा काफी किफायती हो जाती थी। मार्च २०२० में महामारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने यह छूट वापस ले ली थी। इस कदम का उद्देश्य यात्रा को कम करना था, जो उस समय की जरूरत थी, लेकिन महामारी के गुजर जाने के बाद भी यह छूट अभी तक बहाल नहीं की गई है। परिणामस्वरूप, वरिष्ठ नागरिकों को अब अन्य यात्रियों की तरह पूरा किराया चुकाना पड़ रहा है। एक आरटीआई के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष २०२२-२३ में रेलवे ने १५ करोड़ वरिष्ठ नागरिकों से लगभग २,२४२ करोड़ रुपए की कमाई की। इसके अलावा, १ अप्रैल २०२२ से ३१ मार्च २०२३ के बीच लगभग आठ करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को कोई छूट नहीं दी गई। हालांकि, हाल ही में घोषित २०२४-२५ के बजट में रेलवे को २,६२,२०० करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।

कोविड के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने यह छूट वापस ले ली थी। इस कदम का उद्देश्य यात्रा को कम करना था, जो उस समय की जरूरत थी, लेकिन महामारी खत्म होने के बाद भी छूट बहाल नहीं की गई।

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