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ठाणे मनपा की कंगाली जाती नहीं है! … १,१०० करोड़ रुपए की देनदारी बाकी है

– माह में ६८४.३३ करोड़ की वसूली
सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे मनपा की आय और व्यय में सामंजस्य होने के संकेत मिल रहे हैं। फिर भी महानगरपालिका पर अभी भी करीब १,१०० करोड़ रुपए की देनदारी है। यानी मनपा की कंगाली जाने का नाम नहीं ले रही है।
बता दें कि पिछले चार माह में मनपा के विभिन्न विभागों द्वारा मूल राशि २०६२.४१ करोड़ रुपए में से ६८४.३३ करोड़ की वसूली किए जाने की जानकारी सामने आई है। इन चार महीनों में प्रॉपर्टी कर विभाग ने ३२२.८१ करोड़ रुपए और नगर विकास विभाग ने २४७.४८ करोड़ रुपए की वसूली की गई है।
बता दें कि कोविड संक्रमण के बाद पिछले दो सालों तक मनपा की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही थी, जिसके कारण पहले ठाणे मनपा पर करीब ४,५०० करोड़ की देनदारी थी। ठेकेदारों को बिल बहुत देर से मिल रहे थे, लेकिन अब पूंजीगत कार्यों के बिलों का भुगतान नवंबर २०२२ तक किया जा चुका है जबकि २०२४ शुरू हो चुका है। आज भी नए कार्यों को अधिक प्राथमिकता नहीं दी जाती। आलम यह है कि सरकारी बजट से आने वाली धनराशि से मनपा सीमा में नए-नए विकास कार्य चल रहे हैं। ठाणे मनपा की आय और व्यय में सामंजस्य बिठाने के लिए मनपा आयुक्त द्वारा प्रस्तुत बजट २०२४-२५ में यह देखने को मिला है। नए वित्तीय वर्ष में मनपा को विभिन्न विभागों से २०६२.४१ करोड़ रुपए की आय की उम्मीद है। इस हिसाब से अब तक यानी चार महीने में ६८४.३३ करोड़ की वसूली हो चुकी है। मनपा के विभिन्न विभागों ने पिछले चार महीनों में अच्छा प्रदर्शन किया है। प्रॉपर्टी कर विभाग ने अनुमानित आय ८१९.७१ करोड़ रुपए में से ३२३.८१ करोड़ रुपए की वसूली कर ली है। उसके तहत नगर विकास विभाग को इस साल ७५० करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया गया है। इस विभाग ने चार माह में २४७ करोड़ की वसूली की है। हालांकि, बाकी विभागों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। प्रथम क्रमांक पर जलापूर्ति विभाग है, जिसका लक्ष्य २३५.५२ करोड़ रुपए है, जिसमें से १६.०२ करोड़ ही वसूली कर की है। इसी तरह लोक निर्माण विभाग ६.२९ करोड़ रुपए, अग्निशमन विभाग ३९.४० करोड़ रुपए की वसूली की है।

जीएसटी से मिले ३८०.८० करोड़
मनपा प्रशासन को जीएसटी के तहत इस वित्तीय वर्ष में सरकार से ११४२.४२ करोड़ रुपए की आय की उम्मीद है। इस हिसाब से चार महीने में महानगरपालिका के खजाने में ३८०.८० करोड़ रुपए की रकम जमा हुई है। महानगर पालिका इस जीएसटी के तहत मिलने वाली राशि से कर्मचारियों के वेतन की अदायगी कर रही है।

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