खबर फैली तो सरकारी महकमें में मचा हड़कंप
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की हकीकत एक बार फिर से सामने आई है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित संवेदनशील जिलों में शामिल महराजगंज के लक्ष्मीपुर में सामूहिक विवाह कार्यक्रम में सामाजिक मान्यताओं को तार-तार करते हुए सरकारी योजनाओं की लूट करने वाले माफिया के गुर्गों ने भाई-बहन की शादी करवा दी। जब इस घोटाले की खबर फैली तो प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। बताया जाता है कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम में जब दूल्हा नहीं पहुंचा तो जिम्मेदारों ने योजना का लाभ लेने के लिए दुल्हन के भाई को ही मंडप में बैठा शादी करा दी। मामला लक्ष्मीपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत कजरी का है। मामले की जानकारी होते ही अपनी पीठ बचाते हुए खंड विकास अधिकारी अमित मिश्रा ने लाभार्थी को नोटिस जारी कर योजना में मिले सामग्रियों को वापस करा दिया है।
दुल्हे की जगह भाई को बैठाया
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में एक दूल्हा रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद किन्हीं कारणों से नहीं पहुंचा। कार्यक्रम के जिम्मेदार लोगों ने योजना का लाभ पाने की लालच में दूल्हे की जगह पर दुल्हन के भाई को ही मंडप में बैठा दिया। इतना ही नहीं रिश्तों को तार-तार करते हुए आयोजकों ने बहन-भाई की वर माला पहनाकर शादी भी कर दी।
मामले की जांच जारी
इस संदर्भ में बीडीओ अमित मिश्रा ने बताया कि वर-वधू दोनों पक्ष का चयन पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है। कजरी गांव का मामला सामने आते ही लाभार्थियों से सामग्री वापस कराते हुए नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा लाभार्थी को शासन से मिलने वाले ३५ हजार रुपये पर भी रोक लगा दी गई है। मामले की गहन जांच की जा रही है।
माफियाओं का है दबदबा
इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी योजनाओं को लूटने वाला एक प्रभावशाली गैंग ब्लाक से लेकर जिला मुख्यालय तक सक्रिय है।वह लाभार्थियों को आगे कर अपना हिस्सा फिक्स कर लेता है। इन माफियाओं का इतना दबदबा है कि बिना इनकी मर्जी के पात्र लोगों के भी आवेदन निरस्त हो जाते हैं।