– 1,200 करोड़ से निर्मित संसद तेज बारिश को नहीं झेल पाया
– विपक्ष कसा तंज, तेज हुई सियासत
रमेश ठाकुर / नई दिल्ली
सत्तापक्ष द्वारा संसद के नए भवन को लेकर जितनी सुविधाएं उद्धाटन के वक्त बताई थीं, वह सभी तेज बारिश में धुल गईं। बारिश का पानी न सिर्फ भवन के आस-पास भरा, बल्कि भीतर की कई छतें भी पटकने लगीं। टपकते पानी को अधिकारियों ने बाल्टी लगाकर भरा। विपक्ष ने छत टपकने की घटना को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी से जोड़कर, तंज कसते हुए कहा कि मोदी की एक और गांरटी फेल हो गई।
मालूम हो कि नई संसद 1,200 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित हुई है, जिसमें कोई ऐसी आधुनिक तकनीकें नहीं छोड़ी गईं, जो उसमें शामिल न हों। भवन के संबंध में प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष के अलावा सत्तापक्ष के तमाम जिम्मेदार मंत्री कसीदे पढ़ चुके हैं। लेकिन बुधवार को राजधानी में हुई तेज बारिश ने उनके सभी कसीदे पानी-पानी कर दिए। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि इससे तो बेहतर पुरानी बिल्डिंग थी, क्यों न फिर वहीं चला जाए।
संसद में लीकेज पर सियासत हुई तेज
संसद में पानी लीकेज को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह ने कहा कि हमारे साथी सांसद मणिक्कम टैगोर ने संसद में लीकेज पर नोटिस दिया है, क्योंकि नई संसद में लीकेज का मैसेज पूरी दुनिया में गया, जिससे हमारी गरिमा को ठेस पहुंची है। लीकेज सदन की कार्यवाही के दौरान हुआ। हमने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की, लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। वहीं टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी पसंद की डिजाइनर भवन बनवाया है, तब कोई विरोध करता था तो उसे एंटीनेशन कह दिया जाता था। उन्होंने कहा कि मोदी जी देश को बताएं कि उनकी ऐ वाली गारंटी भी क्यों फेल हुई?