सामना संवाददाता / नई दिल्ली
जीटीबी अस्पताल के भीतर रविवार को हुई घटना के बाद से अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। डॉक्टरों व बाकी स्टाफ के अलावा मरीज और तीमारदार भी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। भीड़ के अलावा लंबी निजी सुरक्षा गार्ड, बाउंसर और पुलिस की मौजूदगी में बदमाश बड़े आराम से हत्या कर अस्पताल से फरार हो गए। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोई भी अस्पताल में पहुंचकर किसी के साथ कुछ भी कर सकता है। अस्पताल प्रशासन सुरक्षा व्यस्था पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं था।
सूत्रों का कहना है कि अस्पताल में लगे सभी कैमरे भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, कहीं कैमरे चाल रहे हैं तो कहीं बंद हैं। अस्पताल से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि चार मुख्य गेटों के अलावा अस्पताल के अंदर आने और जाने के कुल सात गेट मौजूद हैं। एक समय में यहां पर ५० से ज्यादा सुरक्षा गार्डों की तैनाती रहती है। इसके अलावा ओपीडी और इमरजेंसी में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए बाउंसर की भी व्यवस्था की गई है। अस्पताल परिसर में ही जीटीबी एंक्लेव थाने की एक पुलिस चौकी भी बनी हुई है। यहां पर हर समय पुलिस स्टाफ मौजूद रहता है। इस सबके बावजूद बदमाश हथियार लेकर अस्पताल में दाखिल हुए। उन्होंने चौथी मंजिल पर जाकर रियाजुद्दीन की हत्या की और फरार हो गए। किसी ने भी उनको पकड़ने की हिम्मत नहीं दिखाई।
वॉर्ड-२४ में रियाजुद्दीन समेत १० से ज्यादा मरीज भर्ती थे। इस बीच पौने चार बजे अचानक तीन लड़के वहां पहुंचे और ताबड़तोड़ गोलियां चलाने लगे। घटना से मरीज बुरी तरह सहम गए। बैड नंबर-१५ पर खून ही खून बिखर गया। इसी बीच बदमाश वहां से भाग गए। बाद में डॉक्टर वहां पहुंचे तो बाकी मरीजों को समझाया गया। वारदात के बाद से वह बुरी तरह डरे हुए हैं। उनके परिजनों ने बाकी मरीजों की सुरक्षा की गुहार लगाई है।
लगातार बिगड़ रही दिल्ली में
कानून व्यवस्था की स्थिति
दिल्ली की आप सरकार ने राजधानी में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर उपराज्यपाल (एलजी) पर कई सवाल खड़े किए है। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इसके लिए उपराज्यपाल (एलजी) के रूप में विनय कुमार सक्सेना के कार्यकाल को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि विनय कुमार सक्सेना के एलजी बनने के बाद से दिल्ली के हालात खराब हो रहे हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। अब अपराधियों को पुलिस का डर नहीं है। दिल्ली में अपराध दर सबसे ज्यादा है। अधिकांश पुलिसकर्मी वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त हैं। भारद्वाज ने कहा कि लोगों ने चेन स्नैचिंग, मोबाइल स्नैचिंग, घर में चोरी और वाहन चोरी जैसी घटनाओं के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराना बंद कर दिया है क्योंकि कोई कार्रवाई नहीं होती है।