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पुलिस के लिए सिरदर्द बना ५ लाख का इनामी गुड्डू मुस्लिम की जौनपुर में हों रही तलाश

मंगलेश्वर (मुन्ना)त्रिपाठी / जौनपुर
प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रचनेवाले भले ही जमीदोंज हो गए। मगर, वारदात ए अहम जो इस वक्त का सबसे बड़ा बदमाश पांच लाख का इनामी गुड्डू मुस्लिम अब भी यूपी पुलिस और एसटीएफ के लिए सिरदर्द बना हुआ है। इस कुख्यात बदमाश को जरायम कि दुनिया में गुड्डू मुस्लिम से ज्यादा लोग गुड्डू बमबाज के नाम से मशहूर है। पिछले दो दशकों से गुड्डू की पूर्वांचल में गहरी पैठ रही है। बता दें कि करीब दो दशक पहले जौनपुर के एक बाहुबली के साथ उसका गहरा याराना रहा है। इसके साथ ही माफिया मुख्तार अंसारी के अलावा जेल में मारे गए उसके गुर्गों मुन्ना बजरंगी व मेराज अहमद उर्फ भाई मेराज के कारण वाराणसी, गाजीपुर और मऊ में गुड्डू की आवाजाही बनी रहती थी। बदमाशों के हाथों मारे गए माफिया अतीक अहमद का शागिर्द बनने के बाद भी गुड्डू पूर्वांचल के अपने कनेक्शन को बरकरार रखे हुए था। गुड्डू मुस्लिम की तलाश में यूपी पुलिस और एसटीएफ की अलग-अलग टीमें देश भर में खाक छान रही हैं। पुलिस सूत्रों से पता चला है कि एसटीएफ की एक टीम गुप्त रूप से जौनपुर में डेरा डाली हुई है।
जानकार बताते हैं कि गुड्डू मुस्लिम लखनऊ से पूर्वांचल के बाहुबलियों और बदमाशों के संपर्क में आया। वर्ष १९९७ में लखनऊ के एक नामी स्कूल के खेल शिक्षक की हत्या हुई थी। इसमें जौनपुर के एक बाहुबली के साथ ही गुड्डू का भी नाम सामने आया था। जौनपुर के बाहुबली और उस समय के उसके दोस्तों की मदद से गुड्डू ने रेलवे के ठेकों में भी अपनी किस्मत आजमाई थी। वर्ष १९९७ में ही एक अभियंता की हत्या में भी जौनपुर के बाहुबली और गुड्डू का नाम सामने आया था। इसके बाद गुड्डू मुठभेड़ में मारे गए गोरखपुर के बदमाश श्रीप्रकाश शुक्ला का भी शागिर्द रहा। वर्ष २००० के बाद गुड्डू की नजदीकी माफिया मुख्तार अंसारी के साथ बढ़ी तो उसका दायरा भी पूर्वांचल से लेकर बिहार तक बढ़ता चला गया। २००१ में पटना में गुड्डू पकड़ा गया तो फिर अतीक ने उसकी जमानत में मदद की और वह उसी का गुर्गा बन कर रह गया। हालांकि इसके बाद भी मुख्तार और उसके गुर्गों से गुड्डू कभी दूर नहीं हुआ।
माफिया अतीक अहमद के गुर्गों में गुड्डू मुस्लिम एक ऐसा बदमाश है, जरायम कि दुनियां गुड्डू की करतूतों कि प्रसांसा यूपी एटीएस प्रमुख अमिताभ यश ने खुद करते हैं। अपराध जगत में गुड्डू ने अपना एक अलग नेटवर्क बना रखा है। पूर्वांचल में गुड्डू के मददगारों और शरणदाताओं की भी कमी नहीं है। पुलिस अफसरों का कहना है कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि उमेश पाल हत्याकांड के बाद पूर्वांचल के अपने पुराने कनेक्शन के सहारे गुड्डू नेपाल भाग गया हो। वहां से वह किसी अन्य सुरक्षित ठिकाने की ओर रुख कर गया होगा।

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