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खतरे में है … ‘केईएम’ की सुरक्षा व्यवस्था! …वर्षों से नहीं हुआ है ‘सिक्युरिटी ऑडिट’

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई महानगर पालिका के सबसे पुराने अस्पताल ‘केईएम’ की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में चल रही है। भीड़भाड़ वाला यह अस्पताल सुरक्षा रक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा है। ऐसे में यहां मौजूद कुछ वार्डों और ‘डार्क स्पॉट’ से रेजिडेंट डॉक्टर काफी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि केईएम अस्पताल में पिछले कई सालों से सिक्योरिटी ऑडिट ही नहीं हुआ है। रेजिडेंट और इंटर्न डॉक्टरों के मुताबिक पूरे केईएम अस्पताल की सुरक्षा का ऑडिट किया जाना चाहिए और पर्याप्त संख्या में सुरक्षा रक्षकों की व्यवस्था की जानी चाहिए। साथ ही ‘डार्क स्पॉट’ पर लाइट और सीसीटीवी वैâमरों की व्यवस्था की जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कोलकाता से आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी और हत्या ने मुंबई, महाराष्ट्र समेत देश भर के अस्पतालों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। इस पृष्ठभूमि में मुंबई मनपा के भीड़भाड़ वाले अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा महत्वपूर्ण होती जा रही है। मनपा के केईएम अस्पताल में प्रशिक्षु, रेजिडेंट डॉक्टर, विशेषज्ञ, वरिष्ठ रेजिडेंट जैसे लगभग १००० डॉक्टर हैं। इन डॉक्टरों के लिए करी रोड, प्रभादेवी, शिवड़ी, लालबाग में हॉस्टल के साथ केईएम परिसर में आवास की व्यवस्था की गई है। हालांकि, केईएम अस्पताल और अन्य स्थानों पर जहां डॉक्टर रहते हैं, ऐसे स्थानों में रात के वक्त ड्यूटी से लौटते या जाते समय अंधेरा रहता है। ऐसे कुछ महत्वपूर्ण स्थानों पर पर्याप्त लाइट और सीसीटीवी की व्यवस्था किए जाने की मांग रेजिडेंट डॉक्टरों ने की है। इसके अलावा डॉक्टर लिफ्ट में सीसीटीवी लगाने की भी मांग कर रहे हैं। केईएम अस्पताल में १७८ सुरक्षा गार्ड हैं। भीड़भाड़ के लिहाज से ३० से ४० सुरक्षा रक्षकों की कमी है। इसके अलावा डॉक्टरों का कहना है कि केईएम अस्पताल का विस्तृत क्षेत्र और पांच से छह प्रवेश द्वार भी सुरक्षा समस्या पैदा कर रहे हैं।

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