सुरेश एस डुग्गर / जम्मू
एलओसी से सटे जुड़वां जिले राजौरी व पुंछ सेना और अन्य सुरक्षाबलों के लिए फिलहाल सिरदर्द बने हुए हैं। हालत यह है कि पाकिस्तान द्वारा अपने पूर्व सैनिकों को आतंकी बना इन जिलों में धकेलने के कारण पिछले साल ये सुर्खियों में तो रहे ही, इस साल भी इससे मुक्ति मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। हालांकि, सेना ने एक और नई पूरी ब्रिगेड को आतंकियों के सफाए के लिए धकेली जा चुकी है, पर सैंकड़ों वर्ग किमी में फैले दोनों जिलों में आतंकियों का सफाया फिलहाल दूर की कौड़ी लग रहा है।
यह सच है कि सीमावर्ती जिले राजौरी में 2023 में दर्जनों मुठभेड़ें और हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी हुई है। पिछले साल जिले के लिए साल की शुरुआत ढांगरी आतंकी हमले से हुई थी, जिसके हत्यारे अभी तक गिरफ्त से बाहर है। यह सिलिसिला अब साल 2024 में भी जारी है। जिले में 2023 के दौरान बाजी माल और केसरी हिल में दो बड़ी मुठभेड़ें भी देखी गईं। इन मुठभेड़ों में 11 जवानों की जान चली गई, जबकि आठ आतंकियों को ढेर कर दिया गया। पिछले साल 1 जनवरी को ढांगरी गांव में एक घातक आतंकवादी हमले में सात नागरिक मारे गए थे और तेरह अन्य घायल हो गए थे। इसके अतिरिक्त राजौरी जिले में ढांगरी हमला, बाजी माल, केसरी हिल मुठभेड़ सहित दर्जनों घटनाएं दर्ज की गईं।
जानकारी के लिए राजौरी जिला अपने 2,630 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्रफल के कारण आतंकवाद विरोधी मोर्चे पर सबसे कठिन जिलों में से एक माना जाता है। इसे मोटे तौर पर छह उपमंडलों में विभाजित किया गया है, इनमें राजौरी, थन्नामंडी, कोटरांका, कालाकोट, नौशहरा और सुंदरबनी शामिल हैं। जिला ऊपरी पीर-पंजाल पर्वत श्रृंखलाओं से शोपियां के साथ-साथ दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिलों के साथ सीमा भी साझा करता है। यह पाक कब्जे वाले कश्मीर के भिंबर, कोटली जिले से जुड़ा है।
अगर पुंछ की बात करें तो 2021 के अगस्त महीने से पिछले तीन वर्षों के दौरान सीमावर्ती पुंछ जिले में लगभग डेढ़ दर्जन आतंकी घटनाएं हुई हैं। हालांकि, फरवरी 2021 में भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम समझौते के बाद पुंछ जिले में एलओसी के 115 किमी लंबे हिस्से पर स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन आंतरिक इलाकों की सुरक्षा चिंता का विषय बन गई है। अगस्त, 2021 से, जिले में सेना पर चार घातक हमलों सहित लगभग डेढ़ दर्जन आतंकी घटनाएं देखी गई हैं। अनेकों मुठभेडेें और रहस्यमय विस्फोट भी हुए हैं। पुंछ जिला, जो मोटे तौर पर पुंछ मुख्यालय, मंडी और सुरनकोट सहित तीन उपमंडलों में विभाजित है, एक चुनौतीपूर्ण स्थलाकृति वाला है। इसमें 115 किमी लंबा एलओसी क्षेत्र है, जो भिंबर गली से शुरू होकर साब्जियां तक है। जिले का सुरनकोट उपमंडल मुगल रोड के माध्यम से शोपियां जिले से जुड़ता है और यहां बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाएं हैं, जबकि पुंछ उपमंडल के लोरन और सौजियान क्षेत्र बारामुल्ला जिले के कुछ हिस्सों से जुड़ते हैं और यहां पर्वत श्रृंखलाएं हैं जहां सर्दियों में भारी बर्फबारी होती है।
इससे पहले आतंकियों ने 12 जनवरी को कृष्णा घाटी इलाके में सैन्य वाहनों को निशाना बनाया था, जिसमें चार जवान बलिदान हो गए थे। इससे पहले 22 दिसंबर 2023 को डेरा की गली इलाके में सैन्य वाहनों पर हमला किया गया था। अब यह तीसरा हमला है। इन तीनों हमलों में पांच जवान बलिदान हो गए, जबकि कई जवान घायल हुए हैं। पुंछ में पिछले 30 महीनों में आतंकियों की ओर से हमले की यह छठी घटना है। 2021 से शुरू हुई घटनाओं में अब तक 21 जवान बलिदान हो गए हैं। इन घटनाओं में कई जवान घायल भी हुए हैं।
दरअसल 2020 तक लगभग एक दशक तक जिला शांतिपूर्ण रहा, लेकिन भीतरी इलाकों की सुरक्षा के मामले में चीजें तेजी से बदल गईं, जिससे सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के बीच चिंता की लहर फैल गई। सुरक्षाबलों की चिंता इन दोनों जिलों में यह है कि कश्मीर से आतंकी इन्हीं जिलों में एक्टिव हो चुके हैं तो सेना आप मानती है कि पाकिस्तान अपने दर्जनों पूर्व सैनिकों को आतंकी बना इन जिलों में धकेल चुका है।
बीते तीन साल में राजौरी-पुंछ के जुड़वा जिलों में हुए बड़े आतंकी हमले
2021 – अक्टूबर में तीन बड़े हमले हुए
11 अक्टूबर 2021- पुंछ जिले की सुरनकोट तहसील के चामरेर जंगलों में सेना की आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई। इसमें एक जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हुए।
16 अक्तूबर 2021- पुंछ की मेंढर तहसील के भट्टा दुरियां इलाके में सेना और इन्हीं आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसमें एक अन्य जेसीओ समेत चार जवान शहीद हुए।
30 अक्तूबर 2021- राजौरी के नौशहरा सेक्टर में माइन ब्लास्ट में एक लेफ्टिनेंट और एक जवान की जान चली गई।
2022 – अगस्त और दिसंबर में दो बड़े हमले
11 अगस्त 2022 – राजौरी जिले के दरहाल इलाके में परगल आर्मी कैंप पर आतंकियों ने हमला किया। इसमें पांच जवान शहीद हुए, जबकि दो फिदायीनों को सेना ने मार गिराया।।
18 दिसंबर 2022 – राजौरी के अल्फा गेट के बाहर एक आतंकी हमले में दो नागरिक मारे गए।
2023 – इस साल दस जवान शहीद हुए।
1 जनवरी 2023 – राजौरी के डांगरी गांव में दो विदेशी आतंकियों की फायरिंग और आईईडी ब्लास्ट में अल्पसंख्यक समुदाय के सात लोग मारे गए थे। इनमें दो नाबालिग थे।
20 अप्रैल 2023 – पुंछ जिले की मेंढर तहसील के भट्टा दुरियन इलाके में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया, जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए, जबकि एक जवान घायल हो गया।
5 मई 2023 – राजौरी के कंडी में आतंकियों ने आईईडी ब्लास्ट किया, जिसमें पांच आर्मी पैरा कमांडो शहीद हुए और एक मेजर घायल हो गए।
18 जुलाई 2023 – पुंछ जिले की सुरनकोट तहसील के सिंधारा टॉप इलाके में सुरक्षाबलों ने चार पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया।
21 दिसंबर 2023 – डेरा की गली सावनी इलाके में घात लगाकर सैन्य वाहनों में किए गए हमले में पांच जवान बलिदान, दो घायल।
2024 – हमले रूके नहीं
12 जनवरी 2024 – कृष्णाघाटी के दराती में सैन्य वाहनों पर फायरिंग, नुकसान नहीं।
04 मई 2024 – पुंछ के सुरनकोट इलाके में एयरफोर्स के वाहनों पर हमला, एक जवान बलिदान, चार अन्य घायल।