मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
बरेली में 250 बीघा जमीन के घोटाले का पर्दाफाश करने वाले गायब लेखपाल मनीष चंद कश्यप का कंकाल मिला। 18 दिन से लापता लेखपाल के सिर का कंकाल नाले में मिला। पास में ही शरीर की कुछ हड्डियां और कपड़े पड़े थे।पुलिस ने कपड़े से लेखपाल की शिनाख्त की। सूचना मिलते ही फोर्स के साथ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। कंकाल को थैले में भरकर जांच के लिए फॉरेंसिंक टीम ले गई। कैंट थाना क्षेत्र के अमरनाथ कॉलोनी के रहने वाले लेखपाल मनीष चंद कश्यप 27 नवंबर से लापता थे। घर से करीब 4 किलोमीटर दूर मिर्जापुर नाले में उनका कंकाल मिला है। परिजनों ने भू-माफिया, तहसीलदार और एसडीएम पर किडनैप का आरोप लगाकर हंगामा किया था। उनका कहना था कि लेखपाल ने 250 बीघा ग्राम समाज की भूमि के घोटाले का पर्दाफाश किया था। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजने वाले थे। उसी दिन वह लापता हो गए। लेखपाल फरीदपुर तहसील में तैनात थे।
6 दिसंबर को दोपहर बरेली के बुखारा मोड स्थित अमरनाथ कॉलोनी निवासी जमुना देवी, विष्णु और मोरवती कलेक्ट्रेट पहुंचीं। कलेक्ट्रेट में रोने की आवाज सुनकर डीएम रविंद्र कुमार अपने ऑफिस से बाहर आए। सभी को शांत कराया। परिजनों ने बताया था कि लेखपाल मनीष चंद का अपहरण हो गया है। कोई सुनवाई नहीं हो रही है। चश्मदीदों के अनुसार मृतक की मां मोरवती ने जिलाधिकारी से कहा था कि मुझे मेरा बेटा चाहिए, नहीं तो मैं मर जाऊंगी। पुलिस अफसरों ने उन्हें शांत कराया और बैठाया। इसके बाद एलआईयू से सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिलवाया गया था।
मृतक लेखपाल के भाई विष्णु ने कहा कि हमारी शिकायत फेंक दी, मां का जबरन अंगूठा लगवाया। मेरे भाई लेखपाल मनीष चंद कश्यप जमीन घोटाले की रिपोर्ट शासन को भेजने वाले थे। उसी दिन उनका अपहरण हो गया। दो दिन बाद उनका चार्ज दूसरे लेखपाल को दे दिया गया। उनके बस्ते का ताला तोड़ दिया गया। हमने विरोध किया तो अफसरों ने गलत बयानबाजी की। तहसीलदार और एसडीएम मिले हुए हैं। हमने नामजद शिकायत देने की कोशिश की, लेकिन हमारी शिकायत नहीं ली गई। हमारी शिकायत फाड़कर फेंक दी गई। जबरन अपने हिसाब से शिकायत लिखवाई, फिर मेरी मां मोरवती का सादे कागज पर जबरन अंगूठा लगवा लिया।
मूलरूप से बहेड़ी के मोहल्ला अमरनाथ कॉलोनी निवासी लेखपाल मनीष कश्यप 27 नवंबर से लापता थे। वह फरीदपुर तहसील में तैनात थे। उनके मोबाइल फोन की अंतिम लोकेशन तहसील में ही मिली थी। इसके बाद उनका कोई सुराग नहीं लगा। कॉल डिटेल से पता चला कि क्षेत्र के एक प्रधान से आखिरी बार बात हुई थी। एसएसपी अनुराग आर्य ने अपहरण के मामले की विवेचना इंस्पेक्टर फरीदपुर राहुल सिंह से हटाकर इंस्पेक्टर फतेहगंज पश्चिमी प्रदीप चतुर्वेदी को दी थी। लेखपाल की मां ने एडीजी से शिकायत की थी कि फरीदपुर इंस्पेक्टर जानबूझकर मामले में ढिलाई बरत रहे हैं। इसके बाद विवेचक बदले गए। 19 दिन बाद पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा। उसकी निशानदेही पर सिर का कंकाल बरामद हुआ। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है।