लद्दाख के मुस्लिम वाइस प्रेसिडेंट को भाजपा ने पार्टी से निष्कासित किया,
क्योंकि बेटे ने बौद्ध युवती से शादी की
सुरेश एस डुग्गर / जम्मू
यह पूरी तरह से सच है कि बर्फीले रेगिस्तान लद्दाख में एक नेता के बेटे की खता की सजा उसके बाप को भुगतनी पड़ी है। हालांकि, बेटे का कसूर कोई बड़ा भी नहीं था। बस उसने धर्म से बाहर जाकर दूसरे धर्म की एक युवती से प्रेम विवाह कर लिया और उसके बाप को उसकी पार्टी ने सभी पदों से हटाते हुए पार्टी से भी निकाल दिया है।
दरअसल, लद्दाख में मुस्लिम-बौद्ध प्रेम प्रसंगों को हमेशा ही सांप्रदायिकता की दृष्टिकोण से देखा जाता रहा है और ऐसे प्रेम विवाहों के बाद कई बार लद्दाख जबरदस्त तनाव के दौर से भी गुजर चुका है, क्योंकि अब इसे लव जेहाद का नाम दिया जाने लगा है। ऐसे किसी सांप्रदायिक तनाव से यह बर्फीला रेगिस्तान फिर से न गुजरे और साथ ही पार्टी की छवि बेदाग रहे इसके लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपने लद्दाख के प्रदेश उपाध्यक्ष को पार्टी से बाहर कर दिया है।
लद्दाख भाजपा के अध्यक्ष फुनचोक स्टैनजिन द्वारा जारी किए गए पत्र के मुताबिक, पार्टी के उपाध्यक्ष नजीर अहमद को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है और उन्हें पार्टी से भी निकाल दिया गया हैै। ऐसे करने के पीछे का कारण यह दिया गया है कि नजीर अहमद के बेटे मंजूर अहमद ने एक बौद्ध लड़की के साथ शादी की है। लद्दाख भाजपाध्यक्ष के बकौल, क्षेत्र में ऐसे विवाह को मान्यता नहीं दी जाती रही है और ऐसे में सांप्रदायिक माहौल न बिगड़े पार्टी अपने तौर पर यह कार्रवाई कर रही है।
हालांकि, भाजपा नेताओं का कहना था कि इस दंपत्ति ने एक माह पहले ही शादी की है और दोनों लापता हैं, जबकि पार्टी से निष्कासित उपाध्यक्ष नजीर अहमद का कहना था कि उसके बेटे ने बौद्ध लड़की के साथ तब कोर्ट मैरिज की, जब वे हज के लिए सऊदी अरब गए हुए थे।
एक जानकारी के मुताबिक, नजीर अहमद का बेटा मंजूर अहमद 39 साल का है और उसने वर्ष 2011 में ही 35 साल की बौद्ध युवती से निकाह कर लिया था और अब उन्होंने कोर्ट मैरिज की है। हालांकि, नजीर अहमद और पारिवारिक सदस्य यह बताने में असमर्थ थे कि इतने सालों के बाद उन दोनों ने कोर्ट मैरिज का कदम क्यों उठाया है। नजीर अहमद कहते थे कि बेटे के मिलने के बाद ही इसका खुलासा हो पाएगा, जो एक माह से लापता है।