मुख्यपृष्ठस्तंभसेहत का तड़का : काम ही व्यायाम- मुग्धा चाफेकर

सेहत का तड़का : काम ही व्यायाम- मुग्धा चाफेकर

एस.पी.यादव
मुंबई

धारावाहिक ‘कुमकुम भाग्य’ में प्राची का किरदार अदा कर घर-घर में पहचान बना चुकी अभिनेत्री मुग्धा चाफेकर का जन्म २४ मार्च १९८७ को मुंबई में हुआ। मुग्धा ने डी.जी. रूपारेल कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक करने के बाद इतिहास में एमए किया। अपनी स्लिम-ट्रिम काया के चलते दर्शकों के लिए फिटनेस प्रेरणा बनी मुग्धा अपने काम को ही अपना व्यायाम मानती हैं।
-जिम और डाइटिंग के बिना भी स्लिम-ट्रिम बनी रहती हैं
अपनी प्यारी सी मुस्कान और भोलेपन से सभी का दिल जीतने वाली अभिनेत्री मुग्धा चाफेकर ने १९९५ में बतौर बाल कलाकार फिल्म ‘आजमाइश’ में काम किया था, लेकिन २००६ में शो ‘क्या मुझसे दोस्ती करोगे’ से मुग्धा ने अभिनय की निरंतर यात्रा शुरू की। धारावाहिक ‘धरती का वीर योद्धा पृथ्वीराज चौहान’ में राजकुमारी संयोगिता के किरदार ने मुग्धा की लोकप्रियता बढ़ा दी। २०१९ में जी टीवी के धारावाहिक ‘कुमकुम भाग्य’ में प्राची के किरदार ने तो उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया। मुग्धा ने ‘सोलह शृंगार’, ‘धरम वीर’, ‘मेरे घर आई एक नन्ही परी’, ‘गोलमाल है भाई सब गोलमाल है’, ‘सजन रे झूठ मत बोले’, ‘कुंडली भाग्य’ जैसे धारावाहिकों में भी अहम किरदार निभाए। फिलहाल वह हिंदी और मराठी धारावाहिकों में सक्रिय हैं। पर्सनल लाइफ की बात करें तो मुग्धा ने साल २०१६ में अभिनेता रवीश देसाई से शादी की।
– जिम की शक्ल तक नहीं देखी
लंबे अरसे से स्लिम-ट्रिम काया बनाए रखनेवाली मुग्धा चाफेकर व्यायाम के नाम पर केवल वॉकिंग और हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करती हैं। बकौल मुग्धा, ‘मैंने आज तक जिम की शक्ल नहीं देखी है। सच तो यही है कि मैं जेनेटिकली फिट हूं। शूटिंग में बारह-पंद्रह घंटे निकल जाते हैं। देर रात घर लौटने पर भला क्या कर सकती हूं। देखा जाए तो मेरा काम ही मेरा व्यायाम है।’ तनावमुक्त रहने के लिए वह फिल्में देखती हैं, किताबें पढ़ती हैं।
-खाने की मात्रा नहीं, गुणवत्ता पर ध्यान
मुग्धा चाफेकर खाने की मात्रा पर नहीं, बल्कि गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देती हैं। शूटिंग के सेट पर भी वह घर से खाना लेकर जाती हैं। शाम के नाश्ते के लिए भी वह अलग टिफिन साथ रखती हैं, जिसमें अमूमन पोहा, उपमा, भेल या पैन केक होता है। बकौल मुग्धा, ‘खाने से कहीं ज्यादा खाना पकाने का तरीका मायने रखता है। जिस तरह भोजन सामग्री मसालों के स्वाद को सोख लेती है, उसी तरह यह खाना पकाने और परोसनेवाले के रवैए को भी अपने भीतर समाहित कर लेती है। इसलिए मुस्कुराहट के साथ खाना बनाएं… इसे प्यार से भरें।’
-ऐसी है मुग्धा की आहारचर्या
मुग्धा रोज सुबह एक गिलास दूध के साथ कोई फल और बादाम खाती हैं। दोपहर के भोजन में दाल, चावल, रोटी, सब्जी लेती हैं। रात को वह एक रोटी, सब्जी, दाल और थोड़ा सा चावल खाती हैं। मुग्धा कहती हैं कि लोग भले ही रात में चावल खाने को हेल्थ के लिहाज से अच्छा नहीं मानते, पर मैं चावल खाए बिना रह ही नहीं सकती हूं। मुग्धा कभी-कभार ग्रीन टी पीती हैं। मुग्धा को सब्जियों और पनीर सॉस से भरपूर नाचोज, अपनी दादी से सीखी रेसिपी के अनुसार बने रवा केक, बन मस्का जैम, कड़ाही पनीर आदि काफी पसंद हैं।

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