एजेंसी / ढाका
बांग्लादेश में मुसलमानों द्वारा हिंदू लड़कियों और नाबालिगों के अपहरण की घटनाएं बढ़ रही हैं, इस मुद्दे को हल करने के लिए बांग्लादेशी सरकार व अंतर्राष्ट्रीय अधिकारियों द्वारा कुछ खास कदम नहीं उठाए जा रहे है। हाल ही में कोमिला जिले स्थित कोतवाली मॉडल पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत तेलिकोना सहपारा क्षेत्र से दो हिंदू लड़कियों का अपहरण कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। साथ ही हत्या करने के बाद हत्यारों ने सोशल मीडिया पर मिशन डन लिखा है। मृतकों की पहचान ब्रिष्टि रानी साहा (१६) और लबोनी साहा (१७) के रूप में हुई है।
बता दें कि चार जुलाई को दायर शिकायत में कहा गया है कि मुहम्मद सोजीब मियां और मुहम्मद शकील अन्य लोगों के साथ अपहरण में शामिल थे। बृष्टि की मां सीमा रानी साहा ने आरोप लगाया कि अपहरण के बाद शकील और उसके साथियों ने सोशल मीडिया पर `मिशन डन’ पोस्ट किया। शिकायत दर्ज करने के बावजूद पुलिस लड़कियों का पता लगाने और उन्हें वापस लाने में सफल नहीं हो पाई। हैरानी की बात यह है कि इस मामले को बांग्लादेश के मुख्यधारा के मीडिया में ज्यादा तवज्जों नहीं मिली है और अंतर्राष्ट्रीय प्रेस आउटलेट्स द्वारा इसे काफी हद तक नजरअंदाज कर दिया गया है। भारत में केवल कुछ मध्यम आकार की समाचार साइटों और हिंदू संगठन हिंदू वॉयस के एक ट्विटर पोस्ट ने इस घटना को कवर किया है।
हिंदू लड़कियों के अपहरण मामले में वृद्धि
दुर्भाग्य से, हाल के महीनों में ऐसे मामलों में काफी वृद्धि हुई है, जिसमें मुसलमानों द्वारा हिंदू लड़कियों का अपहरण किया गया है। उदाहरण के लिए, मई में बरिशाल से आइशी साहा नाम की एक १३ वर्षीय लड़की का अपहरण कर लिया गया था और उसे बाद में ढाका से बरामद किया गया था। उसे जबरन इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया था। इसी तरह वर्तमान दोहरे अपहरण मामले में, लड़कियों के परिवार को संदेह है कि उनकी बेटियों को जबरन इस्लाम में परिवर्तित करने और उनके अपहरणकर्ताओं द्वारा उनसे शादी करने के इरादे से अपहरण किया गया होगा, जैसा कि पाकिस्तान में देखा गया था।