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तिलकनगर में कट रहे पेड़ों की कहानी कब थमेगी वृक्षों की कटाई? कड़ी कार्रवाई में ढिलाई

सिटीजन रिपोर्टर
मुंबई शहर को हरा-भरा बनाए रखने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं बना रही है। वृक्षारोपण पर बल दिया जा रहा है। वृक्ष प्राधिकरण और वसुंधरा प्रकल्प राज्यभर में वृक्ष संरक्षण के लिए प्रयासरत हैं। मनपा ने भी एक विशेष फंड बनाए हैं, जो मुंबई को हरा-भरा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं दूसरी ओर पेड़ काटने की कई वारदातें सामने आई हैं। अक्सर देखा गया है कि पेड़ काटने की शिकायत के बावजूद कार्रवाई में ढिलाई बरतने के कारण ऐसी वारदातें बढ़ती रहती हैं। मनपा नोटिस देती है तो पुलिस कार्रवाई नहीं करती है, ऐसा मामला भी देखने को मिला है। चेंबूर तिलकनगर के एक ऐसे ही मामले को उजागर किया है ‘दोपहर का सामना’ की सिटीजन रिपोर्टर मनीषा जोशी ने। उन्होंने बताया कि तिलकनगर स्थित पंचशील नगर के एसआरए प्रकल्प के लिए पेड़ काटे जाने की जानकारी प्राप्त हुई है, लेकिन यह भी देखा गया है कि इस मामले को कई साल बीत गए हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इन्हीं कारणों से धड़ल्ले से पेड़ काटे जाते हैं और ऐसे लोगों का हौसला बढ़ते रहता है।
ज्ञात हो कि तिलक नगर के पंचशील नगर, राज राजेश्वरी सोसायटी के विकास के दौरान कुछ पेड़ काटे जाने की शिकायत रमेश मुर्गेश ने मनपा और स्थानीय पुलिस स्टेशन में की थी। गत मार्च महीने में की गई शिकायत के बाद से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, ऐसा आरोप शिकायतकर्ता ने लगाया है। उन्होंने आरटीआई के मार्फत जानकारी भी मंगाई थी, जिसमें पेड़ काटे जाने का जिक्र तो किया गया है लेकिन कार्रवाई के बारे में कुछ बताया नहीं गया है।
सिटीजन रिर्पोटर मनीषा जोशी के अनुसार, शहर में कई जगह इस तरह की घटनाएं देखने को मिलती है। `ईडी’ सरकार पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता है। मेट्रो कारशेड के लिए काटा जा रहा आरे जंगल भी सरकार की निष्क्रियता का एक उदाहरण है। बुलेट ट्रेन के लिए भी पेड़ काटे जाने की खबर आम है। इसी तरह परेल वर्कशॉप के पास टर्मिनस जाने के लिए कई पेड़ काटे जा सकते हैं। इस तरह से पे़ड़ कटाई को लेकर यह प्रशासन गंभीर नजर नहीं आता है।

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