– भाजपा महिला पदाधिकारी का अनावश्यक हस्तक्षेप
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई महानगरपालिका ने स्कूल पोषण आहार उपलब्ध कराने का काम महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपने का निर्णय लिया है। हालांकि टेंडर प्रक्रिया पूरी हुए एक महीने के बावजूद अभी तक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं, जिससे समूहों के काम पर तलवार लटक रही है। इससे अब स्कूल पोषण आहार पर संकट पैदा हो सकता है।
मनपा द्वारा टेंडर प्रक्रिया शुरू होने के एक महीने बाद भी काम में रुकावट डालने का काम भाजपा की एक महिला पदाधिकारी द्वारा किया जा रहा है, ऐसा आरोप लोग लगा रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा की एक महिला पदाधिकारी टेंडर प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार, स्वयं सहायता समूहों का काम रुकवाकर महिला पदाधिकारी उन समूहों को प्राथमिकता दे रही हैं जिनके कागजात पूरे नहीं हैं। जिन बचत गट संस्थाओं को टेंडर नहीं मिले हैं, उन्हें यह कहकर लालच दे रही हैं कि वे उन्हें काम दिलवाएंगी, जिससे वे मोटी कमाई कर सकेंगे। इसके अलावा, टेंडर भरनेवाले समूहों के कागजात बिना सूचना के सरकार द्वारा निकाले गए हैं, जिससे वे सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। आरोप है कि महिला पदाधिकारी उन अधिकारियों को गलत काम करने का आरोप लगाती हैं जो उनका सहयोग नहीं कर रहे हैं और शिकायत करने पर ट्रांसफर कराने की धमकी देती हैं।
उन्हें मनपा के अधिकारियों का समर्थन प्राप्त है जिससे विवाद और बढ़ गया है। इस स्थिति ने महिला स्वयं सहायता समूहों में असंतोष पैदा कर दिया है, और अब यह देखने वाली बात होगी कि मनपा इस मामले में क्या कार्रवाई करती है। इसके खिलाफ महिला स्वयं सहायता समूह की कुछ महिलाएं आंदोलन करने की तैयारी में हैं।