सामना संवाददाता / श्रीनगर
कश्मीर घाटी में दहशतगर्दों के सफाए और शांति के केंद्र सरकार के दावों को धता बताते हुए आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार को बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दिया। घात लगाकर सेना के काफिले पर किए गए आतंकी हमले में ५ हिंदुस्थानी जवान शहीद हो गए। इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। खुफिया सूत्रों का दावा है कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही होनेवाली जी-२० देशों की बैठक से पहले खौफ निर्माण करने के मकसद से ये हमला किया गया था। इस हमले को पांच आतंकियों ने अंजाम दिया था। इसमें तीन आतंकी विदेशी और दो स्थानीय थे। इस मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।
बता दें कि आतंकियों ने राष्ट्रीय राइफल्स के काफिले पर उस वक्त अंधाधुंध फायरिंग की और ग्रेनेड दागे, जब सेना का वाहन भिंबर गली और पुंछ के बीच था। भारी बारिश और लो विजिबिलिटी का फायदा उठाकर आतंकियों ने घात लगाकर हमले को अंजाम दिया। इस दौरान किए गए ग्रेनेड हमले से वाहन में आग लग गई। इस हमले में राष्ट्रीय राइफल्स के पांच जवान शहीद हो गए, जबकि एक घायल हुआ है। शहीद हुए जवानों में हवलदार मनदीप सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह, लांस नायक कुलवंत सिंह और सिपाही सेवक सिंह पंजाब के रहने वाले थे, जबकि लांस नायक देबाशीष उड़ीसा के निवासी थे।
गौरतलब हो कि हिंदुस्थान इस साल जी-२० समिट की अध्यक्षता कर रहा है। इसके तहत अलग-अलग जगह बैठकें होनी हैं। इसमें दो बैठकें श्रीनगर और लद्दाख के लेह में होंगी। लेह में २६ से २८ अप्रैल और श्रीनगर में २२ से २४ मई को बैठक होनी है। जानकारों का कहना है कि इस बैठक से पहले हमला करके आतंकी संदेश देना चाहते हैं कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं। इन दोनों बैठकों को लेकर पाकिस्तान आपत्ति भी जता चुका है। इस हमले का बदला लेने के लिए सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इसमें भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान हैं। सेना के पास इनपुट है कि इलाके में सात आतंकवादी छिपे हैं। इसको देखते हुए सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन में ड्रोन और हेलिकॉप्टर्स की मदद ली जा रही है।