सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र की सबसे धनी महानगरपालिकाओं में से एक नई मुंबई महानगरपालिका द्वारा शिक्षा का आधा सत्र बीत जाने के बाद भी छात्रों को न तो गणवेश बांटे गए और न ही बैग। यानी बच्चों के बैग के पैसे भी गद्दार गटक गए। बता दें कि नई मुंबई मनपा अपने पचास हजार छात्रों को शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराने में विफल रही है। पिछले साल की तरह इस साल भी छात्रों को अब तक किताबें, बैग, यूनिफॉर्म और अन्य शैक्षणिक सामग्री नहीं मिली हैं, जिससे उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। दीपावली भी आ गई, लेकिन बच्चे अभी तक स्कूल सामग्री से वंचित हैं।
प्रशासन की निष्क्रियता
शिक्षण विभाग के अनुसार, शैक्षणिक सामग्री वितरण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द ही छात्रों को सामग्री वितरित की जाएगी। हालांकि, स्कूल शुरू होने के बाद कई महीने बीतने के बाद भी छात्रों को अभी तक जरूरी सामग्री उपलब्ध नहीं कराई गई है।
नई मुंबई महानगरपालिका गरीब छात्रों के लिए अच्छी शिक्षा और बुनियादी ढांचा तैयार करने में करोड़ों रुपए खर्च करती है। इसके बावजूद छात्रों को शैक्षणिक सामग्री और यूनिफॉर्म जैसे साधारण संसाधन भी समय पर नहीं मिल पा रहे हैं, जो प्रशासन की कार्यकुशलता पर सवाल उठाता है।
ई-रुपी और डीबीटी में अड़चनें
इस साल शैक्षणिक सामग्री वितरण के लिए ई-रुपी प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण अब डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से ठेकेदारों द्वारा सामग्री वितरित करने की योजना बनाई गई है। उम्मीद की जा रही है कि १५ अगस्त तक छात्रों को शैक्षणिक सामग्री और यूनिफॉर्म मिल जाएगी। नागरिकों का कहना है कि महापालिका में चार साल से प्रशासक के अधीन कार्य हो रहा है, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है। लोकप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति और प्रशासन की सुस्ती की वजह से छात्रों को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है।