सामना संवाददाता / कुशीनगर
कुशीनगर के पडरौना स्थित जगदीशपुरम काॅलोनी के बाईपास सड़क के किनारे केवीए का ट्रांसफाॅर्मर लगा है। सोमवार की सुबह करीब पांच बजे उधर से गुजर रहा गिट्टी लदा ट्रक ट्रांसफॉर्मर से टकरा गया। इससे चबूतरा क्षतिग्रस्त हाे गया और ट्रांसफाॅर्मर नीचे गिर गया। दुर्घटना के बाद ट्रक के अंदर फंसे खलासी व चालक को लोगों ने किसी तरह बाहर निकाला। इसके चलते पूरे दिन लोगों को बिजली के लिए तरसना पड़ा। जेई सर्वेश दुबे और अरविंद मणि अपनी टीम के साथ पहुंचे और घंटों प्रयास किया लेकिन देर शाम तक आपूर्ति बहाल नहीं हाे सकी थी। ट्रक पर गिट्टी होने के कारण वह वहां से नहीं हट सका। इसके चलते ट्रांसफाॅर्मर के चबूतरे का भी निर्माण नहीं हो सका। बाद में नगरपालिका की ओर से क्रेन मंगवाकर ट्रक को हटवाया गया तो दो घंटे के बाद आवागमन सुचारु हो सका।
ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त होने के चलते सुभाष चौक, रामकोला रोड, बलोचहा, स्टेशन रोड, मुन्ना काॅलोनी में भी फाॅल्ट हो गया। इस वजह से लोगों को बिजली के लिए परेशान होना पड़ा। जगदीशपुरम काॅलोनी में स्कूल और निजी अस्पतालों की संख्या अधिक है। इसके चलते मरीजों को इलाज और बीमारी से जुड़ी जांच कराने में दिक्कतें हुईं। एक हड्डी रोग विशेषज्ञ के यहां दवा कराने आए रामकोला के अनुज शर्मा ने बताया कि अस्पताल पहुंचने के लिए दूसरे रास्ते से कुछ दूर घूम कर जाना पड़ा है। इससे परेशानी हुई। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. वीके सिंह ने बताया कि बिजली के अभाव में अस्पताल में आए मरीजों को कोई परेशानी न हो इसके लिए जनरेटर रखा गया है। इस जनरेटर को चलाने पर एक घंटे में पांच लीटर डीजल खर्च होता है। सोमवार की सुबह ट्रांसफाॅर्मर क्षतिग्रस्त होने से अब तक करीब सात हजार रुपये का डीजल खर्च हो गया है। जरूरी कार्य निपटाकर जनरेटर बंद कर इन्वर्टर से कार्य चलाना पड़ रहा है। इसी कॉलोनी के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि उनके अस्पताल में ही स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेष डॉ. सुरभि श्रीवास्तव भी बैठती हैं। वह महिलाओं के इलाज के अलावा ऑपरेशन भी करती हैं। अस्पताल में मरीज देखते या ऑपरेशन करते समय कोई दिक्कत न हो इसके लिए जनरेटर का सहारा लेना पड़ा। बिजली नहीं होने से जनरेटर चलाने में करीब आठ हजार रुपये खर्च हो गए। उन्होंने कहा कि बिजली निगम के अधिकारियों से बात हुई है। उन्होंने वैकल्पिक इंतजाम कर बिजली आपूर्ति बहाल कराने की बात कही है। इस संबंध में एक्सईएन इंद्रराज यादव ने बताया कि ट्रक पर गिट़्टी होने के कारण चबूतरे का निर्माण नहीं हो सका। पोल भी अभी नहीं आया है। इसके चलते दो दिनों तक आपूर्ति बहाल करने में लग सकता है। प्रयास किया जा रहा है कि दूसरे मोहल्लों से आपूर्ति दी जाए। पानी के लिए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। सप्लाई के पानी से काम चलाना पड़ा। बिजली कब आएगी। इसका पता नहीं है। गर्मी में घरों में उबलना पड़ा। कब तक बिजली आएगी। कोई बता भी नहीं रहा है। सुबह बिजली नहीं होने से बच्चे स्कूल नहीं जा पाए। ट्रांसफाॅर्मर क्षतिग्रस्त होने से मोहल्ले में आने वाला रास्ता अवरुद्ध हो गया था। इसकी वजह से स्कूल बस लौट गई। बिजली नहीं होने से मोबाइल भी डिस्चार्ज हो गए हैं। बिजली निगम को बिजली आपूर्ति की कोई वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।
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