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अनंतनाग-राजौरी सीट की मतदान तारीख बढ़ाने पर शुरू हुआ बवाल थमा नहीं है

सुरेश एस डुग्गर / जम्मू

अनंतनाग-राजौरी सीट की मतदान तारीख बढ़ाने पर शुरू हुआ बवाल अभी भी थमा नहीं है। तारीख आगे बढ़ाने पर बवाल इसकी घोषणा के साथ ही शुरू हो गया था। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव आयोग ने तारीख आगे बढ़ाई, उन्हें बधाई। उन्होंने इस सीट से पार्टी की जीत की संभावनाओं पर कहा, हमें लोगों पर और अल्लाह पर पूरा भरोसा है। इतना ही नहीं चुनाव तारीख आगे बढ़ाने के फैसले के खिलाफ पीडीपी प्रदर्शन भी कर रही है। पीडीपी नेता नईम अख्तर ने यह भी आरोप लगाया है कि अनंतनाग-राजौरी सीट को धार्मिक और जातिगत मतभेदों का फायदा उठाने के मकसद से भाजपा के आदेश पर बनाया गया था।
जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर वोटिंग की तारीख आगे बढ़ गई है। पहले इस सीट पर तीसरे चरण यानी 7 मई को वोटिंग होनी थी, लेकिन अब चुनाव आयोग ने इसे आगे बढ़ाकर छठे चरण यानी 25 मई कर दिया है। चुनाव आयोग का तर्क था कि जम्मू-कश्मीर की कई राजनीतिक पार्टियों ने अनंतनाग-राजौरी सीट पर वोटिंग की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी। इस सीट पर कुल 21 उम्मीदवार मैदान में हैं। अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट में अब कुल 18 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से 11 कश्मीर और 7 पुंछ और राजौरी में हैं। इस सीट पर कुल 18.30 लाख वोटर्स हैं, जिनमें से लगभग 11 लाख कश्मीर और 7.35 लाख जम्मू रीजन में हैं। अनंतनाग सीट में जम्मू के कुछ इलाकों को शामिल करने से यहां की डेमोग्राफी भी बदलने की बात कही जा रही है। अनंतनाग में जो कश्मीरी इलाके पड़ते हैं, वहां ज्यादातर आबादी मुस्लिम है। जबकि पुंछ और राजौरी में गुज्जर और बक्करवाल समुदाय के लोग ज्यादा हैं।
पुंछ और राजौरी में जो गुज्जर-बक्करवाल के लोग हैं, उन्हें अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया गया है। पुंछ और राजौरी की अनुमानित 11.19 लाख आबादी में 5 लाख गुजर-बक्करवाल हैं। इनके आने से मुस्लिम बहुल अनंतनाग सीट में करीब 20 फीसदी आबादी गुजर और बक्करवाल की होने की संभावना है। उनके अलावा पुंछ और राजौरी में पहाड़ी, डोगरा, हिंदू और सिख समुदाय की भी अच्छी-खासी आबादी है। अनंतनाग राजौरी सीट पर 50 फीसदी कश्मीरी और 50 फीसदी पहाड़ी और गुज्जर-बक्करवाल वोटरों के होने का अनुमान है।
भाजपा अनंतनाग-राजौरी सीट पर किसी उम्मीदवार को नहीं उतारा है। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती मैदान में हैं। उनके अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी ने जफर इकबाल मन्हास तो नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मियां अल्ताफ को यहां से उतारा है। इस सीट पर वोट कटने के भी आसार हैं। अपनी पार्टी को पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के वोट में सेंधमारी करने की उम्मीद है। वोट बंटने की इसलिए भी संभावना है, क्योंकि इंडिया ब्लाक की दो पार्टियां- नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी, दोनों ही यहां से चुनाव लड़ रहीं हैं।
पीडीपी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी तारीख आगे बढ़ाने की आलोचना करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर गलत रिपोर्ट भेजने का आरोप लगाया है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि चुनाव आयोग ने वोटिंग की तारीख आगे बढ़ा दी, जिससे मेरे लिए प्रचार करना मुश्किल हो गया है। पार्टी के गरीब कार्यकर्ता अपनी जेब से खर्च कर रहे हैं और हमारे लिए प्रचार कर रहे हैं। अब उन्हें 25 दिन और काम करना होगा।
परिसीमन आयोग ने जब अनंतनाग-राजौरी सीट को नए सिरे से तय किया तो उस वक्त भी कश्मीर घाटी में खासा हंगामा हुआ था, तब जम्मू कश्मीर में पहले से स्थापित पार्टियों ने आरोप लगाया कि कश्मीर घाटी में अपनी राजनीतिक उपस्थिति को दर्ज करवाने के लिए भाजपा ने ये पैंतरा आजमाया है, ताकि जम्मू रीजन के वोट के जरिए वो कश्मीर में भी दाखिल हो सके।

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