• सूरज के बरी होने पर भड़की जिया की मां बोली, पुलिस ने अपना काम ठीक से नहीं किया
• जो सबूत दिए थे, उसे कोर्ट में रखा ही नहीं
सामना संवाददाता / मुंबई
अभिनेत्री जिया खान सुसाइड केस में आरोपी सूरज पंचोली को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। फैसले को आए दो हफ्ते से ज्यादा हो गया लेकिन जिया की मां राबिया खान का गुस्सा अभी भी खत्म नहीं हुआ है। अब उन्होंने कहा है कि कोर्ट में सूरज का बरी हो जाना पूरी न्यायिक प्रक्रिया का मजाक है। उन्होंने कहा कि मैंने सूरज के खिलाफ सारे सबूत पुलिस और सीबीआई को सौंपे थे लेकिन उसे कभी अदालत के सामने पेश नहीं किया गया। राबिया ने कहा कि कोर्ट से बरी होने के बाद सूरज मिठाई बांट रहा था, ये दिखाता है कि वो कितना निर्दयी इंसान है!
पुलिस ने बिना सबूत सूरज को आरोपी कैसे बनाया?
रबिया ने कहा, ‘ये केस शुरुआत से ही गलत दिशा में था। ये केस शुरू से ही मर्डर का लग रहा था। सूरज इसमें आरोपी था। पुलिस ने उसे आरोपी वैâसे बना दिया, जब उसके खिलाफ कोई सबूत ही नहीं थे? मैंने सीबीआई को जो भी सबूत मुहैया कराए, उससे साफ लग रहा था कि ये मामला सुसाइड का नहीं, बल्कि मर्डर का है। फोरेंसिक रिपोर्ट भी मर्डर का ही इशारा कर रही थी। इन १० वर्षों में पुलिस और सीबीआई को एक भी सबूत नहीं मिला।’ राबिया ने कहा, ‘अदालत में फोरेंसिक से रिलेटेड कोई सबूत नहीं भेजा गया।’ राबिया ने कहा, ‘ट्रायल के दौरान मुझे महसूस हुआ कि आरोपी और सीबीआई दोनों ने समझौता कर लिया है। इसका कारण ये है कि उन्होंने कभी भी मौत की असल वजह को सामने नहीं लाया। मैं अभी भी कहती हूं कि जिया की मौत वैâसे हुई, ये अभी कन्फर्म नहीं हो पाया है। अदालत में फोरेंसिक से रिलेटेड कोई सबूत नहीं पेश किया गया। पुलिस और सीबीआई दोनों ने अदालत में सिर्फ पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट दिखाई थी, जिसमें कहा गया कि मौत सांस रुकने की वजह से हुई है।’ राबिया ने अपने स्टेटमेंट में आगे कहा, ‘सूरज ने झूठ बोला है और दोनों एजेंसियों ने उसके झूठ में उसका साथ दिया है। मेरी बेटी जो अब इस दुनिया में नहीं है, उसे ही झूठा बता दिया गया। दोनों एजेंसियों को उसे दोष देकर निकल जाना काफी आसान था। न केवल मां के रूप में, बल्कि एक महिला के रूप में भी मैं निराश महसूस कर रही हूं, क्योंकि जिस व्यवस्था से हम अपनी रक्षा और न्याय की उम्मीद करते हैं, वही फेल हो गई। उन्होंने अपने सिस्टम का ही मजाक बना दिया।’ जिया की मां ने ट्रायल जीत का जश्न मनाने के लिए सूरज को खरी-खोटी भी सुनाई। उन्होंने कहा, ट्रायल जीतने के बाद उसने कोर्ट परिसर में मिठाई बांटी। ऐसा करना उसकी निर्दयता को दिखाता है। उसे एक दिन अपने किए पर पछताना पड़ेगा। मैंने तो अब शांति बना ली है। अब मेरी बेटी को न्याय ऊपरवाला ही दिलाएगा। जिया ने ३ जून, २०१३ को मुंबई के अपने फ्लैट में सुसाइड किया था। घटना के १० साल बाद २८ अप्रैल, २०२३ को इस पर पैâसला आया। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने इस केस में सूरज पंचोली को बरी कर दिया। कोर्ट ने पैâसले में कहा, ‘आपके खिलाफ सबूत काफी नहीं हैं, इसलिए बरी किया जाता है।’