• बेमौसम बारिश से करोड़ों का हुआ नुकसान
योगेंद्र सिंह ठाकुर / पालघर
बदलते मौसम का असर नमक के उत्पादन पर पड़ता दिख रहा है। पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से तैयार किए जा रहे नमक के साथ उत्पादकों के अरमान भी बह गए। अब उनका व्यवसाय चौपट होने के कगार पर है। बता दें कि पालघर और ठाणे के तटीय क्षेत्रों में १५ हजार एकड़ के करीब खार लैंड में नमक का उत्पादन किया जाता है। इसके लिए सितंबर महीने में जमीन को लेबल करने का कार्य किया जाता है। मार्च महीने में नमक को निकालने का कार्य शुरू हो जाता है लेकिन पिछले दिनों हुई बेमौसम बरसात ने नमक उत्पादकों की चिताएं बढ़ा दी है।
ज्यादा बारिश होने से नमक उत्पादन के लिए क्यारियों में जमा किया गया समुद्र का खारा पानी बिना नमक में तब्दील हुए बह गया, जिससे करोड़ों का नुकसान हुआ। उत्पादकों का कहना है कि बीते कुछ वर्षों में जहां नमक की उत्पादन लागत बढ़ी है तो वहीं मुनाफे में भारी गिरावट आई है, जिससे वे पहले से ही आर्थिक संकट के घेरे में हैं। नमक उत्पादन करने वाले एक व्यवसायी ने बताया कि बरसात के मौसम में नमक का उत्पादन ठप हो जाता है। यही कारण है कि अक्टूबर से जून तक ही यह काम हो पाता है। अगर बार-बार बेमौसम बारिश होती है तो बीच में ही काम बंद करना पड़ता है।
हजारों लोगों को मिलता है रोजगार
पालघर-ठाणे के तटीय क्षेत्रों में हजारों एकड़ में नमक का उत्पादन किया जाता है। इसकी शुरुआत सितंबर-अक्टूबर से लेकर जून तक नमक के उत्पादन में हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। अगर नमक उत्पादन पर असर पड़ता है तो ऐसे लोगों का जीवन भी प्रभावित होगा।
ऐसे बनता है नमक
समुद्र का पानी क्यारियों में भरने के बाद पानी को धूप में सुखाया जाता है। धूप में सारा पानी वाष्पित हो जाता है क्यारियों में सिर्फ नमक बचा रह जाता है। उसके बाद नमक को जमा करके सफाई की जाती है।
राज्य से बाहर भी होती है सप्लाई
ठाणे-पालघर से हजारों ट्रक नमक राज्य के साथ-साथ आंध्र प्रदेश-कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में सप्लाई किया जाता है। साथ ही यहां के नमक को पावर प्लांट, ऑयल रिफाइनरीज, सोलर पावर कंपनियों, केमिकल मैन्युपैâक्चरर्स, टेक्सटाइल मेकर्स, दवा निर्माता कंपनियों और चमड़ा उद्योग के काम में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है।
बेमौसम बरसात से नमक का उत्पादन एक चौथाई रह गया है। बरसात से नमक के उत्पादकों की कमर टूट गई है। पालघर और ठाणे जिले के तटीय क्षेत्रों के हजारों की संख्या में नागरिक नमक उत्पादन से जुड़े हुए हैं। ये लोग करीब एक लाख टन नमक का उत्पादन करते हैं। ऐसे में किसानों की तरह सरकार नमक उत्पादकों को भी होने वाले नुकसान की भरपाई करें।
-जयकुमार भाय,
उपाध्यक्ष नमक उत्पादन सहकारी संघ पालघर