सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई को जलापूर्ति करनेवाले जलाशय क्षेत्रों में महीनेभर से बारिश के थमने से मुंबईकरों के सामने पेयजल संकट की समस्या पैदा हो गई थी। हालांकि, शनिवार से मुंबई के सातों जलापूर्ति क्षेत्रों में धुआंधार बारिश की शुरुआत हो गई। जलाशय क्षेत्रों में भरपूर बारिश होने से मुंबईकरों के सामने पैदा हुए पेयजल संकट की चिंता अब धीरे-धीरे दूर होती नजर आ रही है, क्योंकि दो दिनों की बारिश से ही जलाशयों में एक महीने का पानी इकट्ठा हो गया है। इसके साथ ही पवई जलाशय भी ओवरफ्लो होकर बहने लगा है।
मुंबई को मनपा द्वारा सात जलाशयों अपर वैतरणा, मोडक सागर, तानसा, मध्य वैतरणा, भातसा, विहार और तुलसी से पानी की आपूर्ति की जाती है। इन जलाशयों के अलावा मनपा द्वारा तैयार की गई पवई झील है, जिसकी ५४५ करोड़ लीटर पानी इकट्ठा करने की क्षमता है। हालांकि, इससे मुंबईकरों को जलापूर्ति नहीं की जाती है। इतना जरूर है कि इस झील में इकट्ठा होनेवाले पानी का इस्तेमाल औद्योगिक उपयोग के लिए किया जाता है। पवई झील कल सुबह करीब ४.४५ बजे पूरी तरह से ओवरफ्लो होकर बहने लगी। मनपा के जलापूर्ति विभाग के अभियंता ने बताया कि पिछले तीन दिनों में इस झील क्षेत्र में भारी बारिश होने से यह ओवरफ्लो हुई है।
जलाशयों में जमा १८.७३% पानी
मुंबई को जलापूर्ति करनेवाले जलाशय क्षेत्रों में शनिवार को १,५७,४४९ मिलियन लीटर यानी १०.८८ प्रतिशत पानी था, जो कल सुबह छह बजे २,७१,१४७ मिलियन लीटर यानी १८.७३ प्रतिशत तक पहुंच गया है। मुंबई के ३,८५० मिलियन लीटर दैनिक जल भंडारण को ध्यान में रखते हुए यह पानी मुंबईकरों के लिए एक महीने के लिए पर्याप्त है।
इस तरह बढ़ा जल स्तर
शनिवार ६ जुलाई १,५७,४४९ – १०.८८ज्ञ्
रविवार ७ जुलाई २,१०,२०७ – १४.५२ज्ञ्
सोमवार ८ जुलाई २,७१,१४७ – १८.७३ज्ञ्