– बड़ी संख्या में होटल, लॉज और डोरमेटरी तोड़ने की हुई प्लानिंग
– अब तक ७० से अधिक होटलों का बिजली-पानी हुआ बंद
सामना संवाददाता / मुंबई
महानगर मुंबई में पिछले ढाई साल से मनपा में नगरसेवक नहीं होने की वजह से प्रशासन मनमाना तरीके से काम कर रहा है। भाजपा सरकार के आदेश पर चलने वाली मनपा ने अब हिंदी भाषियों एवं उत्तर भारतीयों को टारगेट करना शुरू किया है। इसके तहत मनपा ने छोटे-छोटे लॉज एवं बोर्डिंग होटलों को निशाना बनाना शुरू किया है।
इसकी शुरुआत कुर्ला- पश्चिम से लेकर अंधेरी एयरपोर्ट के आसपास के इलाकों से की गई है। मनपा ने यहां ७० अवैध होटलों, लॉज और बोर्डिंग पर करवाई करते हुए इनके पानी-बिजली कनेक्शन काट दिए हैं। इन होटलों, लॉज व डोरमेटरी से बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय जुड़े हुए हैं। इनमें कुछ के वे मालिक हैं तथा कई होटल व लॉजों में बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय कर्मचारी काम करते हैं। अब ये सब बेरोजगार हो गए हैं। मनपा ने इन होटलों का बिजली-पानी तो काटा ही है, अब वह इन तथाकथित होटल्स, लॉजिंग एवं बोर्डिंग पर बुलडोजर चलाने की तैयारी में भी है। इन होटल्स में लगभग ८०० कर्मचारी काम करते हैं। इस कार्रवाई से सभी कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे।
एयरपोर्ट के पास बिना चेतावनी होटलों पर कर दी कार्रवाई!
‘आहार’ ने बताया अमानवीय
मनपा ने बिना किसी पूर्व सूचना और चेतावनी के एयरपोर्ट के पास स्थित ७० से ज्यादा होटलों पर कार्रवाई करते हुए उनकी बिजली-पानी काट दी है। इससे यहां इस होटल उद्योग से जुड़े हजारों उत्तर भारतीय कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। होटलवालों की संस्था ‘आहार’ ने मनपा की इस कार्रवाई को अमानवीय बताया है।
बता दें कि छत्रपति शिवाजी महाराज मुंबई एयरपोर्ट के आस-पास बड़ी संख्या में ताज, सहारा, कांटिनेंटल, लीला जैसे कई बड़े होटल्स हैं। बाहर से आनेवाले आम लोगों को इन होटलों में ठहरना महंगा पड़ता है। ऐसे में बहुत से यात्री वहां आसपास में स्थित छोटे लॉजिंग व बोर्डिंग होटल्स में जाते हैं। पर मनपा की कार्रवाई के बाद यहां होटल मालिकों का नुकसान तो हुआ ही है, यात्रियों का भी नुकसान हुआ है। होटल मालिक सुलेमान ने बताया कि यात्रियों के लिए इन छोटे होटल्स में रुकना किफायती होता है। इसलिए इन होटलों की मांग भी खूब है। मात्र कुर्ला एल वॉर्ड क्षेत्र में ही ऐसे लगभग डेढ़ सौ होटल्स हैं। इनमें ज्यादातर कर्मचारी हिंदी भाषी हैं। अब इन होटलों पर कार्रवाई से उत्तर भारतीयों पर गाज गिरी है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास मुख्य रूप से साकीनाका, असल्फा, मरोल, लोहा बाजार, कुर्ला वेस्ट, एलबीएस रोड, बैल बाजार आदि ठिकानों पर बड़ी संख्या में ये होटल्स हैं। ये पूरा क्षेत्र उत्तर भारतीय बहुल है। इन होटलों पर कार्रवाई का आहार संगठन के भास्कर शेट्टी ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि यदि ये होटल अवैध हैं तो मनपा इन्हें चेतावनी दे सकती थी और जरूरी अनुमति प्राप्त करने के लिए समय दे सकती थी। इन पर सीधे तौर पर बिना किसी चेतावनी के कार्रवाई करना गलत और अमानवीय है। उधर एल वार्ड के सहायक आयुक्त धनजी हेरलेकर ने इन होटलों पर कार्रवाई का अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि यहां बिना जरूरी अनुमति वाले अवैध होटल्स हैं, इसलिए इन पर कार्रवाई की गई है।
यात्रियों के लिए इन छोटे होटल्स में रुकना किफायती होता है। इसलिए इन होटलों की मांग भी खूब है। मात्र कुर्ला एल वॉर्ड क्षेत्र में ही ऐसे लगभग डेढ़ सौ होटल्स हैं।