सामना संवाददाता / लखनऊ
पिछले दो दिनों से टीवी चैनलों पर सिर्फ अतीक अहमद ही छाया हुआ है। कल जब उसे प्रयागराज कोर्ट में पेश किया गया, तभी उसके बेटे असद के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर आई। इस खबर को सुनते ही कोर्टरूम में ही अतीक बेहोश हो गया। बताया जाता है कि असद ने अपने बाप और चाचा की हिदायतें मानी होती तो वह मारा नहीं जाता। उनकी हिदायतों को नजरअंदाज करना असद को बारी पड़ा।
मामले की जांच कर रहे पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उमेश पाल की हत्या के लिए जो शूटर्स की टीम चुनी गई थी, उनके साथ असद भी घटनास्थल पर गया था, पर उसे हिदायत दी गई थी कि उसे कार से बाहर नहीं निकलना है। उसे वहीं कार में बैठकर सब कुछ देखना था और एक तरह से मामले की रिपोर्टिंग करनी थी। यानी अपने परिवार तक खबर पहुंचानी थी कि वहां क्या हुआ। पर जब उमेश पाल की कार वहां पहुंची और शूटर उसे मारने दौड़े तो जोश में असद भी कार के बाहर निकल आया और शूटरों के पीछे वह भी उमेश पाल की ओर दौड़ा। सीसीटीवी में पिस्टल लहराते जो युवक नजर आ रहा है वह असद ही था। एक शख्स असद का हाथ पकड़कर उसे वापस कार में जाने के लिए खींचता भी नजर आता है। यही सीसीटीवी फुटेज असद के गले में फंदा साबित हुआ। पुलिस ने पहचान लिया कि इस हत्याकांड को अतीक अहमद ने अंजाम दिया है। उसके बाद से असद फरार हो गया और पुलिस ने उसके ऊपर पांच लाख रुपए का इनाम रख दिया। पुलिस ने घटना में शामिल दो शूटरों को तो पहले ही मार गिराया था। कल असद और उसके साथी गुलाम का एनकाउंटर हो गया। इसलिए कहा जा रहा है कि अगर उसने ज्यादा जोश नहीं दिखाया होता तो उसका एनकाउंटर नहीं होता और वह जीवित होता। जहां तक उसके एनकाउंटर का सवाल है तो उस बारे में तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गरम है।
दोनों को ट्रेस कर रही थी पुलिस
यूपी एसटीएफ ने कल झांसी के पास अतीक के बेटे असद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। यूपी एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के अनुसार पिछले डेढ़ महीने से असद और गुलाम को पुलिस ट्रेस कर रही थी। एक बार गुलाम पांच मिनट की देरी से मिस हो गया था। इस बार उन्हें झांसी में लोकेट कर लिया गया। पुलिस के मुताबिक, दोनों झांसी के पास पारीछा डैम के पास छिपकर बैठे थे। एनकाउंटर के बाद मौके से कई हथियार भी मिले हैं। पुलिस का कहना है कि हम उन्हें जिंदा पकड़ना चाहते थे। झांसी में अतीक अहमद के कई करीबियों के होने की जानकारी यूपी एसटीएफ को मिली थी। इसके बाद पुलिस टीम ने झांसी से दो मददगारों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की थी। झांसी में अतीक अहमद के पुराने करीबियों ने ही असद और गुलाम को पनाह दी थी।
उमेश के परिवार को मिली संतुष्टि
असद के एनकाउंटर की खबर मिलते ही उमेश पाल के पीड़ित परिवार को संतुष्टि मिली। उमेश पाल की मां शांति देवी ने इसके लिए पुलिस को धन्यवाद दिया। शांति देवी ने कहा कि आज की कार्रवाई कुछ हद तक उनके बेटे की मौत के लिए एक श्रद्धांजलि है। ‘हम मुठभेड़ की मांग कर रहे थे लेकिन यह हमारे नियंत्रण में नहीं था। मैं पुलिस को अपने कर्तव्य का पालन करने और न्याय देने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। जो कुछ भी किया गया है, कानूनी व्यवस्था के अनुसार है।’