सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे की संकल्पना और शिवसेना की सत्ता रहते ही पूरा होने के करीब पहुंच चुके कोस्टल रोड का श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। घाती और भाजपा ने मुंबई में योजना का श्रेय लेने के लिए पोस्टर वॉर शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव में इस तरह की पोस्टरबाजी करते हुए बताया जा रहा है कि योजना को हमने पूरा किया है। एक तरह से यह कृत्य करके मुंबईकरों को गुमराह करने की कोशिश चल रही है। इसलिए घाती-भाजपा की इस साजिश के खिलाफ मुंबईकरों में भारी नाराजगी व्याप्त हो रही है।
सुखद सफर, मुक्त सांस संकल्पना से प्रिन्सेस स्ट्रीट से वर्ली सी-लिंक तक १०.५८ किमी का कोस्टल रोड बनाया गया है। इस परियोजना के चलते ७० फीसदी समय, जबकि ३४ फीसदी ईंधन की बचत होगी। शिवसेना पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार मुंबई के ट्रैफिक को कम करने के लिए कोस्टल रोड की संकल्पना लेकर आई थी। इसके बाद सलाहकार की नियुक्ति से लेकर काम का भूमिपूजन और अधिकांश काम शिवसेना की सत्ता रहते ही पूरा हो गया था। मनपा के माध्यम से बनाए गए कोस्टल रोड के लिए शिवसेना के सत्ता में रहते हुए महासभा समेत स्थाई और सभी वैधानिक समितियों की ओर से १४ हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) द्वारा किए गए कोस्टल रोड के काम का श्रेय लेने की चाल काम पूरा होने से पहले ही घाती-भाजपा ने चली थी। इस रोड की एक लेन ११ मार्च को जल्दबाजी में केवल एक दिन के लिए शुरू की गई थी। इसके करीब दो महीने बाद दूसरी लेन वाहनों के लिए शुरू की गई थी।