भाई बहन का एक अटूट धागा है
जिसने भाई बहन के,
प्रेम को “कस” कर बाँधा है
रक्षा करने का वचन “एक बहन” ने
अपने भाई से मांगा है,
माथे पर तिलक, मन और चेहरे पर मुस्कराहट का दीप जलाया है
जीवन भर का रिश्ता बहन ने भाई से निस्वार्थ ही माँगा है,
कलाई पर जब डोर बांधे तो उम्मीद
तोहफे में माँगा है,
“बचपन मे जो लड़ाई की बिन बात के मम्मी पापा से शिकायत की
उसे लंबे समय तक निभाना है,
रक्षा का वादा…हर साल इसी तरह निभाना है!
अंजू यादव