सामना संवाददाता / मुंबई
इस साल के लोकसभा चुनाव में हमारी दस में से आठ सीटों पर जीत हुई। वास्तव में सातारा की सीट पर भी हमारा कब्जा होता, लेकिन पिपानी की मामूली चूक के कारण यह सीट हाथ से फिसल गई। इस तरह का खेद व्यक्त करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की बारामती से नवनिर्वाचित सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि शरद पवार के स्वभाव और खून में संघर्ष है।
राकांपा सांसद सुप्रिया सुले इन दिनों बारामती के दौरे पर हैं। वे गुरुवार को एक कार्यक्रम में बोल रही थीं। इस मौके पर उन्होंने राय व्यक्त करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली सफलता जनता द्वारा दी गई एक बड़ी जिम्मेदारी है। राज्य की जनता ने महाविकास आघाड़ी पर भरोसा जताया है। इसके जरिए उन्होंने हम पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी डाल दी। सुप्रिया सुले ने कहा कि हम उनके विश्वास और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
जनता पर टैक्स का बढ़ा बोझ
सुप्रिया सुले ने कहा कि सरकार का फोकस कहां है? सरकार के पास २०० विधायक हैं। वे अपनी ताकत के आधार पर कोई भी निर्णय ले सकते हैं। लेकिन वे कुछ नहीं कर रहे हैं। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि जब टैक्स बढ़ रहा है, तो पैसा कहां जा रहा है।