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लोकल ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा में लापरवाही नहीं है ‘फायर सेफ्टी सिस्टम’… रेलवे सुरक्षा के मुख्य आयुक्त की रिपोर्ट में खुलासा

सामना संवाददाता / मुंबई
रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर हमेशा लापरवाही बरती जा रही है। हाल ही में बालासोर में हुई घटना ने रेलवे के यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सारे दावे उजागर कर दिए हैं। रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने भारतीय रेलवे में विशेषकर लोकल ट्रेनों में फायर सेफ्टी उपायों से संबंधित स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त की एक रिपोर्ट में ट्रेनों में आग का पता लगाने और सिस्टम की अनुपस्थिति का खुलासा किया है, जिससे लाखों यात्रियों की सुरक्षा को एक बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। मुंबई उपनगरीय रेलवे में अकेले लगभग ७० लाख यात्री यात्रा करते हैं। इस भारी भीड़भाड़ के बावजूद, लोकल ट्रेन के डिब्बों में स्मोक डिटेक्टर जैसी महत्वपूर्ण अग्नि सुरक्षा सुविधाओं का अभाव है। सीसीआरएस ने ट्रेन के मुख्य कंट्रोल पैनल के लिए एक इंटरफेस के साथ-साथ अग्नि सुरक्षा उपकरणों को उपलब्ध करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया, जो स्मोक का पता चलने पर तत्काल बिजली आपूर्ति बंद कर देगा। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि लोकल ट्रेनों के भीतर इलेक्ट्रिकल क्यूबिकल्स और पैनल रूम जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया है, जो स्मोक कम हीट डिटेक्टरों से रहित हैं। रिपोर्ट में आग की घटनाओं को रोकने के लिए इन संवेदनशील क्षेत्रों में ऑप्टिकल फाइबर आधारित लीनियर हीट डिटेक्टरों की स्थापना का प्रस्ताव है।
डिब्बें में सीसीटीवी कैमरे
लगाने का भी सुझाव
केवल मोटरमैन / गार्ड कैब में अग्निशामक यंत्रों का भी वर्तमान में प्रावधान अपर्याप्त है। रिपोर्ट ने सभी ट्रेनों को स्वत: फायर सेफ्टी सिस्टम से लैस करने की जोरदार सिफारिश की, जो उनके प्रारंभिक चरणों में आग का तुरंत पता लगा लेगी। आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए ट्रेनों में सीसीटीवी वैâमरे लगाने का भी सुझाव दिया गया था। रिकॉर्ड किए गए फुटेज की सुरक्षा के लिए, हवाई जहाज में उपयोग किए जाने वाले ब्लैक बॉक्स के समान भंडारण उपकरणों की सिफारिश की गई थी।

जान जोखिम में डालकर लाखों लोग रोज करते हैं यात्रा
इस मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने कहा कि मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) और ईएमयू ट्रेनों में आग का पता लगाने और सुप्रेशन सिस्टम उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं। इसी तरह पश्चिम रेलवे के एक अधिकारी ने भी कहा कि लोकल ट्रेनों में फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाने का काम चल रहा है। यात्री कार्यकर्ता समीर झवेरी ने जोर देकर कहा कि कई लाख यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रेलवे अधिकारियों को इन सिफारिशों को तेजी से अपनाने को प्राथमिकता देनी चाहिए। लाखों लोग रोज यात्रा करते है, ऐसे में छोटी सी चूक कई जानें ले सकती है।

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