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म्हारल गांव में नहीं है पुलिस चौकी …हर माह हत्या, लूट, छिनैती और चोरी की होती हैं घटनाएं …उठ रही है पुलिस स्टेशन की मांग

अनिल मिश्रा / कल्याण
ठाणे जिले के कल्याण तहसील के ग्रामीण क्षेत्र म्हारल गांव से दर्जनों गांवों को टिटवाला पुलिस स्टेशन के दायरे में आनेवाली म्हारल चौकी द्वारा कम पुलिस कर्मचारियों के माध्यम से अपराध पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। बढ़ती जनसंख्या, कम पुलिस जवान, तीसरी आंख सीसीटीवी वैâमरे की कमी के कारण बढ़ती नशाखोरी के साथ ही उल्हास नदी, पहाड़ी सुनसान क्षेत्र जैसे तमाम भौगोलिक कारणों के चलते टिटवाला ग्रामीण क्षेत्र में अपराध बढ़ रहे हैं। बढ़ते अपराध पर लगाम लगाने के लिए म्हारल गांव परिसर में एक पुलिस चौकी बनाने की मांग बरसों से ग्रामवासी तरह-तरह के माध्यमों से कर रहे हैं। इसके बावजूद सरकार किसी भी तरह का कदम नहीं उठा रही है।
म्हारल गांव उल्हासनगर व टिटवाला पुलिस स्टेशन के अंतिम छोर पर बसा है। यहां की जनसंख्या में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। नदी किनारे सुनसान जगह होने के कारण ठाणे के बाहर के अपराधी हत्या जैसी अन्य दूसरी घटनाओं को अंजाम देकर भाग जाते हैं। कल्याण-नगर राष्ट्रीय महामार्ग पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं और नदी में डूबने के मामले सामने आते रहते हैं। म्हारल गांव में एटीएम लूट, हत्या, चोरी, अपहरण जैसी अन्य आपराधिक घटनाएं घट रही हैं। म्हारल गांव का खदान अपराधियों का अड्डा बना हुआ है। किसी घटना की शिकायत के लिए तकरीबन दस किलोमीटर दूर टिटवाला पुलिस स्टेशन जाना पड़ता है। पुलिस स्टेशन न होने के कारण म्हारल, वरप, कांबा के बीच रहनेवाले लोगों को पुलिस स्टेशन न होने के कारण काफी यातनाएं भोगनी पड़ती हैं।

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