• जेपीसी से कराएं ८८ हजार करोड़ के नोट घोटाले की जांच :कांग्रेस
• किसकी जेब में गए ५०० रुपए के १७६ करोड़ के नए नोट
सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्र की मोदी सरकार का यह दावा कि उन पर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं है, लेकिन यह दावा पूरी तरह से झूठा है। मोदी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। यह बात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का अब एक और घोटाला सामने आया है। साल २०१६-१७ में ५०० रुपए ८८१०.६५ करोड़ रुपए के नए नोट छापे गए लेकिन आरबीआई तक सिर्फ ७,२५० करोड़ रुपए नोट पहुंचे। यानी ८८,००० करोड़ रुपए मूल्य के ५०० रुपए के १७६ करोड़ रुपए गायब हो गए। आखिर ये नोट किसकी जेब में गए? नाना पटोले ने इस पूरे घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने यह बात सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी पर कही है।
बता दें कि सोमवार को इस संदर्भ में तिलक भवन में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नासिक, देवास और बंगलुरु के सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में नोट छापे जाते हैं। नासिक और देवास में सरकारी प्रिंटिंग प्रेस केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। सामान्य प्रक्रिया के तहत सरकारी प्रिंटिंग प्रेस से नोट छापने के बाद सीधे रिजर्व बैंक में जाता है और फिर बैंकों के जरिए इसका वितरण होता है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में आखिर कहां गड़बड़ी हुई कि ५०० रुपए के करीब ८८ हजार करोड़ रुपए गायब हो गए? उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर प्रश्न है और मोदी सरकार को इस सवाल का जवाब देश की जनता को देना चाहिए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं कि नोटबंदी देश का सबसे बड़ा घोटाला है। नोटबंदी की घोषणा के बाद रिजर्व बैंक में ५०० और १००० रुपए के पुराने नोट जमा कराए गए थे। १,६६० करोड़ रुपए के नोट चलन में थे लेकिन इन पुराने नोटों को जब रिजर्व बैंक में जमा कराया गया तो २ लाख करोड़ रुपए के नोट अधिक थे। सवाल है कि नोटबंदी के बाद ये नए नोट कहां से आए। इनमें से कितने नए नोट छापे गए? इनमें से कितने नोट रिजर्व बैंक तक पहुंचे?
फिल्म ‘आदिपुरुष’ पर लगे बैन
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि ‘आदिपुरुष’ फिल्म में भगवान श्रीराम और हनुमान का अपमान किया गया है। बीजेपी इस बात का ढिंढोरा पिटती है कि वह हिंदुत्व की सरकार चला रही है, लेकिन श्रीराम और हनुमान का अपमान करने वाली इस फिल्म के बारे में कुछ नहीं कहती है। फिल्म में हनुमान के मुंह से टपोरी की भाषा जैसे संवाद बुलवाए गए हैं। फिल्म के नाम पर कॉर्टून बनाया गया है। पटोले ने कहा कि क्या सेंसर बोर्ड इस फिल्म को प्रमाण पत्र देते समय सो रहा था? इस फिल्म का निर्माण करने वालों को श्रीराम और हनुमान का अपमान करने के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।