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गांव में नहीं हुआ विकास : ६० परिवारों ने किया पलायन का एलान! … दरवाजों पर लिखा घर-जमीन है बिकाऊ

सामना संवाददाता / चंडीगढ़
पंजाब के पठानकोट जिले में ६० परिवारों ने पलायन का मन बना लिया है। यह सभी परिवार पठानकोट के अर्ध पहाड़ी क्षेत्र धार के गांव हलेड़ और जुंगथ के रहने वाले हैं। ५० वर्षों से गांव में कोई विकास कार्य न होने से क्षुब्ध गांववासियों ने अपने घरों और दुकानों पर बिकाऊ है के पोस्टर लगाए हैं। बता दें कि पठानकोट में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है। पंजाब सरकार से नाराजगी जाहिर करते वार्ड-५ के पंच सुरजन सिंह, वार्ड-४ के पूर्व पंच रणजीत सिंह, पूर्व सरपंच कर्ण सिंह, पूर्व सरपंच तृप्ता देवी, रजनी देवी, मनीष सिंह, जगबीर सिंह, विनोद पडवाल, पुष्पिंदर सिंह, महिंदर सिंह, संदीप सिंह, रेखा देवी, कामिनी देवी और भोली देवी ने बताया कि उनके क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ और न ही कोई योजना अब तक आई है। वार्डवासियों ने बताया कि वार्ड में गली, नाली, तालाब, ग्राउंड, श्मशान घाट की हालत खराब है। वहीं स्थानीय लोग बिजली और पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। गांव के लोगों ने बताया कि इस बाबत तीन बार बीडीपीओ धार कलां, दो बार डीडीपीओ पठानकोट, तीन बार पावरकॉम विभाग, दो बार एसडीओ पब्लिक हेल्थ, दो बार एसडीओ मंडी बोर्ड पठानकोट और अन्य विभागों के अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन अभी तक उनकी समस्याओं का कोई स्थायी हल नहीं किया गया।

ग्रामीणों ने खुद बनवाया खेल का मैदान और श्मशानघाट
स्थानीय लोगों ने बताया कि पूर्वजों ने तत्कालीन सरकारों से गांव में खेल मैदान और श्मशान घाट बनवाने की गुहार लगाते रहे लेकिन सरकार और प्रशासन ने इस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। बाद में गांव के लोगों ने खुद पैसे एकत्रित कर दो साल पहले श्मशान घाट और ७ साल पहले एक खेल मैदान बनवाया लेकिन यह अभी तक अधूरे हैं। अब दोबारा खेल मैदान का काम शुरू करवाया है। लोगों ने कहा कि पिछली सरकार और मौजूदा सरकार ने कोई मदद नहीं की है। उन्होंने बताया कि विकास कार्य न होने और मूलभूत सुविधाओं की कमी की वजह से कई परिवारों ने गांव छोड़ दिया है और कई परिवार गांव किनारे पर जाकर बस गए हैं।

घर और जमीन खरीदने के लिए लोग करें संपर्क
नाराज ग्रामीणों ने कहा कि लगभग ६० परिवार अपना घर और जायदाद बेचना चाहते हैं और उस गांव में जाकर बसना चाहते हैं, जहां सरकार ने विकास करवाया है। उन्होंने घरों और दुकान के बाहर पोस्टर लगाए हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति हमारा घर और जमीन खरीदना चाहता है तो हमसे संपर्क कर सकता है।

 

 

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