- कोरोना के बाद देश में हार्ट अटैक के तेजी से बढ़े मामले
- दो महीनों में आईसीएमआर की आएगी रिपोर्ट
सामना संवाददाता / मुंबई
कोरोना महामारी के बाद देश में हार्ट अटैक से जुड़ी मौतों में बड़ा इजाफा हुआ है। इस बात को केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने भी स्वीकार किया और कहा कि इस पर रिसर्च चल रहा है। केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को इस संबंध में रिसर्च का आदेश दिया था, जिसे तीन-चार महीने हो गए हैं और दो महीने में रिपोर्ट आ जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि वैक्सीनेशन और कमॉर्बिडिटी का डेटा हमारे पास है। हार्ट अटैक से हुई मौतों के मौजूद डेटा पर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज रिसर्च कर रहा है, जिसके बाद ही हमें कुछ ठोस पता चलेगा। ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि दिल के साथ खेलने वाला बहुरूपिया बिल्कुल भी नहीं बच पाएगा और दिल हरपल धड़केगा।
उल्लेखनीय है कि अचानक हार्ट अटैक से मौतें बढ़ने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली एक संसदीय समिति ने आईसीएमआर को इसके कारणों का पता लगाने और रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा था। बताया गया कि अभी कोई ठोस सबूत नहीं है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि मौतें असल में कोविड वैक्सीन की वजह से हो रही हैं लेकिन इस तरह की मौतें कोरोना के बाद ही बढ़ी हैं।
१०-१५ फीसदी केस बढ़े
कोरोना महामारी के बाद से देखा गया है कि हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं। ऐसी कई तस्वीरें सामने आईं , जिसमें देखा गया कि सेहतमंद दिखने वाले लोग अचानक गिरे और उनकी मौत हो गई। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में देखा गया कि जिम करते एक २४ वर्षीय शख्स की मौत हो गई। एक सचिन नाम के इंजीनियरिंग के छात्र की अचानक कॉलेज के ही कॉरिडोर में गिरने से मौत हो गई। एक शख्स त्योहार में डांस कर रहे थे, वो वहीं पर गिरे और उनकी मौत हो गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हार्ट अटैक की शिकायतों से संबंधित मरीजों की संख्या अस्पतालों में १०-१५ फीसदी बढ़ी है।
कोरोना से तो नहीं है संबंध
इन घटनाओं को देखकर सवाल उठ रहे हैं कि कहीं दिल का दौरा पड़ने से मौत का संबंध कोरोना से तो नहीं? यही जानने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद स्टडी कर रहा है। इसके नतीजे दो महीने में सामने आएंगे।