सामना संवाददाता / ठाणे
येऊर के जंगलों में चलने वाले नंगा नाच और डीजे की कान फोड़ू आवाज से स्थानीय आदिवासियों में जबरदस्त आकोश का माहौल बन गया था। एक बड़े आंदोलन की तैयारी चल रही थी। इसकी भनक लगते ही वन विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में गुरुवार को एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें रात के ११ बजे से सुबह के ७ बजे तक प्रवेश का गेट बंद रखने का निर्णय लिया गया है। बताया गया है कि रात के १० बजे के बाद मुख्य गेट बंद कर दिया जाएगा। १० बजे से पूर्व जो भी लोग अंदर प्रवेश किए रहेंगे, उन्हें रात के ११ बजे तक बाहर निकलना होगा। रात के ११ बजे गेट बंद हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि शहर के पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में येऊर के जंगलों का महत्वपूर्ण योगदान है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर येऊर में पिछले कुछ महीनों से बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण शुरू हो गए थे। निर्माण सामग्री के साथ ट्रकों तथा डंपरों की आवजाही बढ़ गई थीं। येऊर के अंदर चलने वाले अवैध होटलों में डीजे की कान फोड़ू आवाज के साथ शराब और शबाब का दौर पूरी रात चलता रहता था। जंगलों के अंदर क्रिकेट प्रतियोगिता, खुलेआम शराब की पार्टियां आयोजित होती रहती थीं। इसकी वजह से जंगल के अंदर जगह-जगह कचरे के ढेरों का अंबार दिखाई देने लगे थे। इस तरह की गतिविधियों के दुष्परिणाम सामने आने लगे। रात को विचरण करने वाले पशु पक्षी तथा जंगली जानवर गायब हो गए। पर्यावरण प्रेमियों ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। इसके बाद येऊर आदिवासी वन हक्क समिति ने वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसी को लेकर वन मंत्रालय में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें उक्त पाबंदी लागू करने तथा अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है।