सामना संवाददाता / ठाणे
लोकसभा चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग और पानी की तरह पैसा बहाकर खोके-घाती सरकार द्वारा रची गई साजिश का पर्दाफाश शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता, पूर्व सांसद राजन विचारे ने कल किया। चुनाव अधिकारियों की मौजूदगी में जिला अधिकारी कार्यलय में हुई बैठक में शिवसेना नेता राजन विचारे ने फर्जी वोटिंग रोकने में चुनाव आयोग किस तरह विफल रहा, इसका सबूत पेश किया। लोकसभा चुनाव में चुनाव अधिकारियों ने ऐसा व्यवहार किया मानो वे सत्ताधारियों की निजी संपत्ति हों। राजन विचारे ने सख्त चेतावनी दी कि अगर उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में भी ऐसा करने की कोशिश की तो वे एक भी अधिकारी को नहीं बख्शेंगे।
बीजेपी की मदद से शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपने की वजह से ठाणेकरों में घातियों के प्रति तीव्र आक्रोश है। लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए आयोजित बैठकों और रैलियों को मिले तूफानी प्रतिसाद से यह स्पष्ट हो गया था। कार्यालयों में इसी तरह की चर्चा चल रही थी कि मतदाता घातियों को सबक सिखाएंगे। लेकिन ठाणे लोकसभा क्षेत्र में सत्ता और धन का दुरुपयोग कर सत्ताधारियों ने चाल चली। १८ और १९ जुलाई को घातियों की ‘फर्जी’ ‘विजय’ पर राजन विचारे ने देश के मुख्य चुनाव आयुक्त, महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी के साथ-साथ ठाणे कलेक्टर और चुनाव रिटर्निंग अधिकारी को सबूत दिया था। लेकिन इस पत्र का जवाब नहीं दिया गया तो रिमाइंडर भी भेजा गया लेकिन अब तक इस पर कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिलने के कारण कल राजन विचारे शिवसैनिकों के साथ मिलकर ठाणे कलेक्टरेट पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने चुनाव अधिकारियों और सिस्टम पर सवाल खड़ा किया। इस अवसर पर ठाणे जिला प्रमुख केदार दिघे, नई मुंबई जिला प्रमुख विट्ठल मोरे, द्वारकानाथ भोईर, संपर्क प्रमुख नरेश मनेरा, प्रभाकर म्हात्रे, नगर प्रमुख, उपनगर प्रमुख और शिवसैनिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
सड़कों पर उतरने की चेतावनी
ठाणे लोकसभा चुनाव में फर्जी वोटिंग को लेकर राजन विचारे ने अधिकारियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, इस संसदीय क्षेत्र के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची में बड़ी संख्या में मतदाताओं के दोहरे नाम हैं। राजन विचारे ने चेतावनी दी है कि लोकतंत्र का गला घोंटने वालों के खिलाफ शिवसेना सड़कों पर उतरेगी।
शिवसेना ने पेश किया सबूत
-मतदान के दिन फॉर्म १७ सी में उल्लिखित मतदाताओं की संख्या और परिणाम के बाद फॉर्म संख्या २० में उल्लिखित मतदाताओं की संख्या के बीच मेल नहीं है। इस संबंध में शिवसेना ने स्पष्टीकरण मांगा है।
-मतदान में दिखाए गए समय और मतदान केंद्रों पर ईवीएम मशीनों के समय के अनुसार काम करना जरूरी होने पर मशीनें समय से पहले बंद कर दी गईं।
-मीरा-भायंदर में ईवीएम द्वारा गिने गए आंकड़ों और वीवीपैट पर्चियों में दिखने वाले आंकड़ों में मेल नहीं है। अभी तक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।