सामना संवाददाता / मुंबई
`बेस्ट’ बस मुंबईकरों के लिए परिवहन का मुख्य साधन है। प्रशासन द्वारा कहा गया है कि पर्याप्त बसें उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन राज्य की ईडी सरकार ने नई नवेली एएसी मिनी बसों को भंगार बना दिया है। इस संदर्भ में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि कई नई मिनी एसी बसें सड़ रही हैं। यानी भंगार बन गई है। चेंबूर के पास आणिक बस डिपो में अनेक नई मिनी बसें सड़ रही हैं। बेस्ट प्रशासन ने ठेकेदारों का बकाया नहीं चुकाया है जिसके कारण ये बसें सड़ रही हैं। `बेस्ट’ कामगार सेना के अध्यक्ष सुहास सामंत ने इस संदर्भ में तत्काल निर्णय लेने मांग की है। बता दें कि रेलवे के बाद मुंबई की दूसरी लाइफ लाइन `बेस्ट’ के दैनिक यात्रियों की संख्या ३२ से बढ़कर ३५ लाख हो गई है `बेस्ट’ के बेड़े में कुल ३,१९६ बसें हैं। इनमें से कई बसें समय सीमा समाप्त होने के कारण बंद हो जाती हैं। इस वर्ष बेस्ट बेड़े में ९०० बसों में से कम से कम ५०० को चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा। इसलिए, इस वर्ष बेस्ट के पास खुद की केवल ३०० बेस्ट बसें बचेंगी, जिससे बसों की कमी हो सकती है। चार साल पहले छोटी सड़कों पर चलने वाली मुनाफे वाली मिनी बसें ठेकेदारों का बकाया न चुकाए जाने के कारण बंद पड़ी हैं और सड़ रही हैं। सामंत ने यह भी आरोप लगाया है कि तत्कालीन आयुक्त प्रवीण परदेशी और अब भाजपा में शामिल हो चुके मान्यता प्राप्त संगठन के शशांक राव द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर करने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। इसी पृष्ठभूमि में कल बेस्ट कामगार सेना के अध्यक्ष सुहास सामंत के नेतृत्व में शिवसेना की ओर से आणिक बस डिपो में सड़ रही बसों के मामले का भंडाफोड़ किया गया। इस अवसर पर सायन विधानसभा प्रमुख गोपाल शेलार, महिला प्रभाग संयोजिका पद्मावती शिंदे, उपविभाग प्रमुख प्रभाकर भोगले, रंजीत चौगुले, पूर्व नगरसेवक रामदास कांबले, शाखा प्रमुख संजय म्हात्रे आदि उपस्थित थे।