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इस सावन बन रहा है शिव साधना का अद्भुत संयोग! आठ सोमवार के साथ ५९ दिन होगी शिव आराधना

ज्योतिषाचार्य पं. अतुल शास्त्री

सावन का महीना शिव भक्तों को समर्पित है। इस पवित्र महीने में भगवान शिव की उपासना की जाती है। कहा जाता है कि सावन के महीने में हर एक सोमवार को भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही व्यक्ति की मनोकामना भी पूरी होती है। कहा जाता है कि सावन का महीना भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। श्रावण मास की शुरुआत कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। इस बार सावन का महीना करीब २ महीने का रहने वाला है। आइए जानते हैं कब से शुरू होगा सावन का महीना। इस बार सावन में ८ सोमवार पड़ने वाले हैं यानी इस बार सावन का महीना २ महीने का रहने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की शुरुआत ४ जुलाई २०२३ से होगी और ३१ अगस्त २०२३ तक रहेगा। इस बार भक्तों को भगवान शिव की उपासना के लिए कुल ५८ दिन मिलने वाले हैं। कहा जाता है कि यह शुभ संयोग १९ साल बाद बना है।
१८ जुलाई से १६ अगस्त तक अधिकमास
इस बार १८ जुलाई से १६ अगस्त तक सावन अधिकमास रहने वाला है। इस बार सावन में भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पंचांग की गणना सौर मास और चंद्रमास के आधार पर की जाती है। चंद्रमास ३५४ दिनों का होता है सौर मास ३६५ दिन का। ऐसे में ११ दिन का अंतर आता है और ३ साल के अंदर यह अंतर ३३ दिन का हो जाता है, जिसे अधिकमास कहा जाता है।
भगवान शिव को क्यों प्रिय है सावन का महीना?
कहा जाता है कि सावन भगवान शिव का अति प्रिय महीना होता हैं। इसके पीछे की मान्यता यह हैं कि दक्ष पुत्री माता सती ने अपने सुखी जीवन को त्याग कर कई वर्षों तक श्रापित जीवन जिया। उसके बाद उन्होंने हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया। पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने में कठोर तप किया, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की। अपनी भार्या से पुन: मिलाप के कारण भगवान शिव को श्रावण का यह महीना अत्यंत प्रिय हैं। यही कारण है कि इस महीने कुमारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव ने धरती पर आकार अपने ससुराल में विचरण किया था, जहां अभिषेक कर उनका स्वागत हुआ था इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व बताया गया हैं। पौराणिक कथाओं में वर्णन आता है कि इसी सावन मास में समुद्र मंथन किया गया था। समुद्र मथने के बाद जो हलाहल विष निकला, उसे भगवान शंकर ने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की लेकिन विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया। इसी से उनका नाम `नीलकंठ महादेव’ पड़ा। विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। इसलिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने का खास महत्व है। यही वजह है कि श्रावण मास में भगवान भोले को जल चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
योग निद्रा में रहते हैं भगवान विष्णु
शास्त्रों में वर्णित है कि सावन महीने में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं, इसलिए ये समय भक्तों, साधु-संतों सभी के लिए अमूल्य होता है। यह चार महीनों में होने वाला एक वैदिक यज्ञ है, जो एक प्रकार का पौराणिक व्रत है, जिसे `चौमासा’ भी कहा जाता है। तत्पश्चात सृष्टि के संचालन का उत्तरदायित्व भगवान शिव ग्रहण करते हैं इसलिए सावन के प्रधान देवता भगवान शिव बन जाते हैं। मरकंडूू ऋषि के पुत्र मार्वंâडेय ने लंबी आयु के लिए सावन माह में ही घोर तप कर शिव की कृपा प्राप्त की थी, जिससे मिली मंत्र शक्तियों के सामने मृत्यु के देवता यमराज भी नतमस्तक हो गए थे।
सावन में विशेष उपाय
अगर आपके घर में धन की कमी हो तो आप सावन में शमी के पेड़ की जड़ शिवजी को चढ़ाएं। उस के बाद उस जड़ को लाकर अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आप के जीवन में धन का संकट दूर होगा। अगर आपको कोई भी कार्य करने में बार-बार असफलता मिल रही है तो सावन में सोमवार के दिन २१ बेल पत्रों पर चंदन से `ऊॅ नम: शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। आपके काम में आ रही बाधा दूर हो जाएगी। अगर आपके जीवन से कष्ट खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहें तो सावन के महीने में शिवलिंग पर दही चढ़ाएं। बताया जाता है कि भगवान शंकर को दही बहुत पसंद हैं। अगर आप शिवलिंग पर दही चढ़ाते हैं तो आपके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। अगर आप अपनी आमदनी के साधन बढ़ाना चाहते हैं तो सावन के महीने में मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और राहु-केतु ग्रह के बुरे असर से भी छुटकारा मिलता है।
सावन सोमवार का महत्व
कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन के सोमवार का व्रत करता है, उसके वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि की कमी भी नहीं रहती है। सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा, बेलपत्र चावल चंदन, शहद आदि जरूर चढ़ाना चाहिए। सावन के महीने में की गई पूजा से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा सावन के सोमवार का व्रत करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है, साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।

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