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वो फर्जी ठेकेदार, कंपनियां किसकी? … बदलापुर में ६०० करोड़ का कोविड महाघोटाला!

१० लाख के १,५०० से अधिक काम ऑफलाइन
• नहीं ली जिलाधिकारी की अनुमति
• खैरात की तरह बांटे करोड़ों के काम
• भाजपा ने ही किया भंडाफोड़
सामना संवाददाता / ठाणे
बदलापुर नगर परिषद में करीब ६०० करोड़ के कोविड घोटाले का चौंकानेवाला मामला सामने आया है। भाजपा के नगरसेवक संभाजी शिंदे ने खुद इस मामले का भंडाफोड़ करते हुए आरोप लगाया है कि कोविड काल के दौरान प्रशासक रहे मुख्य अधिकारियों ने नियमों को दरकिनार कर जिलाधिकारी से अनुमति लिए बिना ही करोड़ों रुपए का महाघोटाला किया है। ऐसे में प्रशासकों द्वारा किया गया यह महाघोटाला कहीं समन्वय समिति में शामिल गद्दार गुट के पूर्व नगराध्यक्ष वामन म्हात्रे और सभी विभागों के प्रमुखों की मिलीभगत से तो नहीं किया गया है, ऐसा सवाल करते हुए ये बोगस ठेकेदार कंपनियां किसकी हैं, इसकी जांच करने की मांग बदलापुरवासियों ने की है।
अप्रैल २०२० में महापालिका का कार्यकाल समाप्त होने के बाद, राज्य सरकार द्वारा अक्टूबर २०२० से उल्हासनगर के तत्कालीन उपविभागीय अधिकारी दीपक पुजारी को कुलगांव-बदलापुर नगर परिषद का प्रशासक नियुक्त किया गया है। अत: विगत तीन वर्षों से आज तक प्रशासक एवं मुख्य अधिकारी दीपक पुजारी ही नगर परिषद का कामकाज देख रहे हैं।
चूंकि महाराष्ट्र नगर पालिकाएं, नगर पंचायतें और औद्योगिक शहर अधिनियम, १९५६ में प्रशासनिक नगराध्यक्ष के अधिकार के संबंध में कोई उल्लेख नहीं है। ऐसे में पुजारी, जो एक प्रशासक हैं, उन्होंने नगराध्यक्ष के अधिकार का लाभ उठाया। मार्च २०२० में, राज्य सरकार ने स्थानीय प्रशासन को कोविड-१९ महामारी के दौरान जिलाधिकारी की मंजूरी के बाद जनता के लिए विशेष नियम लागू करने और खर्च करने का अधिकार दिया था। इसी का लाभ उठाते हुए प्रशासक ने किसी भी प्रक्रिया को पूरा किए बिना सैकड़ों करोड़ रुपयों के प्रस्ताव फर्जी तरीके से अपने अधिकार का दुरुपयोग करके मंजूर किया, ऐसा आरोप भाजपा के नगरसेवक संभाजी शिंदे ने लगाया है। इस घोटाले के जिम्मेदार लोगों की जांच करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, ऐसी मांग शिंदे ने उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की है।

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