- मुंबई एंट्री प्वाइंट के अलावा और भी टोल नाके चाहती है एमएमआरडीए
- राजस्व बढ़ाने के लिए टोल वसूलने का प्रस्ताव
रामदिनेश यादव / मुंबई
राज्य को टोल माफियाओं से मुक्ति दिलाने का वादा कर सत्ता में आने वाली शिंदे- फडणवीस सरकार अब अपने वादे से मुकरती दिख रही है। ये सरकार हर कदम पर फिर से टोल वसूलने की योजना बना रही है। इसकी शुरुआत मुंबई एमएमआरडीए (मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण) क्षेत्र से होगी। यहां टोल नाकों की मियाद खत्म होने के बाद भी टोल वसूली जारी रहेगी। इतना ही नहीं, नए अतिरिक्त टोल नाकों का निर्माण भी किया जाएगा। जी हां, एमएमआरडीए अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए मुंबई में अतिरिक्त टोल नाका तैयार करने की अनुमति राज्य सरकार से मांगने जा रहा है। इस संदर्भ में सरकार को एक प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया है। आश्चर्य की बात ये है कि एमएमआरडीए की बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे। इनकी मौजूदगी में हुई एमएमआरडीए अधिकारियों की बैठक में यह मुद्दा उपस्थित किया गया। ये वही लोग हैं, जिन्होंने राज्य को टोलमुक्त करने के लिए आंदोलन किया था और इसी वादे पर राज्य की जनता से वोट मांगे थे।
हाल ही में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में एमएमआरडीए ने यह प्रस्ताव दिया है। एमएमआरडीए ने अपने प्रस्ताव में कहा कि मुंबई एंट्री पॉइंट के टोल नाकों पर २०२७ के बाद टोल वसूली का अधिकार एमएमआरडीए को दिया जाए। इससे साफ जाहिर है कि २०२७ के बाद भी मुंबई इंट्री पॉइंट पर टोल वसूली जारी रहेगी। इसके अतिरिक्त अन्य कई सड़कों पर टोल नाका बनाने का अधिकार मांगा जाएगा और मुंबई के कई महत्वपूर्ण सड़कों पर टोल नाके शुरू किए जाएंगे। मुंबईकरों पर टोल का बोझ कम करने की बजाय सरकार इसे बढ़ाने पर निर्णय ले सकती है।
बैठक में प्रस्तुत हुआ प्रस्ताव
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में हुई एमएमआरडीए अधिकारियों की बैठक में यह मुद्दा उपस्थित किया गया। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की उपस्थिति में ही एमएमआरडीए के इस फैसले पर मुहर लगी। अब एमएमआरडीए द्वारा अतिरिक्त टोल बूथों के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। एमएमआरडीए की १५४वीं बैठक में एमएमआरडीए के राजस्व प्रश्न सहित विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की गई।
आर्थिक संकट में एमएमआरडीए
बता दें कि एमएमआरडीए को कई ठिकानों पर अपने भूखंडों की बिक्री के माध्यम से प्राप्त होता है। लेकिन अब बीकेसी और वडाला ट्रक टर्मिनस इन दोनों जगहों पर प्लॉट की उपलब्धता खत्म होने से एमएमआरडीए को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा दावा किया जा रहा है। अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए एमएमआरडीए मुंबई के एंट्री पॉइंट पर शुरू टोल नाकों पर भविष्य में कब्जा चाहता है। इन टोल नाकों पर फिलहाल एमएसआरडीसी टोल वसूली कर रहा है। आगामी २०२७ में इसकी मियाद खत्म हो जाएगी। इसके बाद भी इन टोल नाकों पर टोल वसूली जारी रखने और टोल कलेक्शन पर एमएमआरडीए अधिकार चाहता है।
मांगा अनुमति
एमएमआरडीए की बैठक में हुई चर्चा के मुताबिक मुंबई में आने वाले मार्गों (मुंबई इंट्री पॉइंट) पर राज्य सड़क विकास निगम टोल वसूल रहा है। इसका कार्यकाल २०२७ में समाप्त होगा। एमएमआरडीए चाहता है कि २०२७ के बाद मुंबई इंट्री पॉइंट पर टोल वसूली का अधिकार उसे मिले। इसके साथ ही इस बैठक में एमएमआरडीए द्वारा एक प्रस्ताव और रखा गया था कि मुंबई के विकास और विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त टोल बूथ बनाए जाने की अनुमति भी एमएमआरडीए को दी जानी चाहिए।
केंद्र और राज्य सरकार का सहयोग
एमएमआरडीए क्षेत्र में कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। एमएमआरडीए ने मनपा व एमएसआरडीसी के अनेक कार्य भी शुरू किए हैं। फिलहाल, वर्तमान में और किए जा रहे विकास कार्यों की कुल लागत १ लाख १९ हजार ७६४ करोड़ रुपए तक बताई गई है। इनमें से कई कार्यों के लिए केंद्र तो कुछ कार्यों के लिए राज्य सरकार निधि में हिस्सा देकर सहयोग कर रही है।
ये हैं समस्याएं
-राजस्व जुटाने के लिए अब भूखंड विक्री के लिए नहीं बचे।
-१.१९ लाख करोड़ की परियोजना को पूरा करने की चुनौती
-राजस्व को लेकर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के सामने पेश की समस्या