मुख्यपृष्ठनए समाचार बादाम की खेती पर जंगली जानवरों और प्रदूषण का खतरा!

 बादाम की खेती पर जंगली जानवरों और प्रदूषण का खतरा!

–सुरेश एस डुग्गर–
जम्मू, 2 मार्च। कश्मीर में बादाम की खेती खात्मे के कगार पर होने लगी है क्योंकि इस पर जंगली जानवरों के साथ साथ अब लगाए जाने वाली फैक्टरियों से फैलने वाले प्रदूषण का साया खतरा बन कर मंडरा रहा है।
जानकारी के लिए दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में, जहां सेब और अन्य फलों की बड़े पैमाने पर खेती की जाती है, जिले में हजारों नहरें हैं, जहां केवल बादाम की खेती होती है। इन क्षेत्रों के लोग सदियों से बादाम की खेती से जुड़े हुए हैं। लेकिन बागवानी विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिए जाने के कारण बादाम की खेती चौपट होने के कगार पर है।

जिले के स्थानीय लोगों ने कहा कि प्राधिकरण में से कोई भी इस उद्योग के योगदान को स्वीकार करने को तैयार नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप बादाम उद्योग जम्मू और कश्मीर के नक्शे से गायब हो रहा है।
पुलवामा जिले के त्रिचल गांव के एक स्थानीय ने कहा कि जंगली जानवरों ने कहर बरपाया है, बादाम के इन सभी पेड़ों को नुकसान पहुंचाया है, लेकिन कोई परवाह नहीं करता और आगे नहीं आता है। यही नहीं इस उद्योग पर ध्यान देने के बजाय तरह-तरह के प्लांट लगाए जा रहे हैं।
नेवा परिगम, जद्दोरा, रहमू के स्थानीय निवासियों का कहना था कि कि जंगली जानवरों ने उनके बादाम के पेड़ों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। अब्दुल गागर ने कहा कि यह भूमि बादाम की खेती के लिए अच्छी है और सरकार की ओर से थोड़ा सा ध्यान देने से यह उद्योग फल-फूल सकता है।

स्थानीय लोगों ने बागवानी विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि एक भी अधिकारी ने उन गांवों का दौरा नहीं किया जहां बादाम उद्योग फल-फूल सकता है।

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